उत्तर प्रदेश में डिप्टी सीएम ब्रजेश पाठक और समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव के बीच डीएनए विवाद ने नया रंग पकड़ लिया है। रविवार को सोशल मीडिया पर हुए विवाद के बाद सोमवार को ब्रजेश पाठक ने समाजवादी पार्टी की राजनीतिक सोच और कार्यशैली पर कड़ी आलोचना की है। उन्होंने सपा पर जातिवाद, तुष्टीकरण और समाज को बांटने की राजनीति करने का आरोप लगाया है।
ब्रजेश पाठक ने कहा, “समाजवादी पार्टी के डीएनए में खराबी है। मेरा मतलब किसी व्यक्ति से नहीं, बल्कि उनकी राजनीतिक सोच से है। उनकी राजनीति की बुनियाद जातिवाद और तुष्टीकरण पर टिकी है। सपा ने कभी ‘सबका साथ, सबका विकास’ की बात नहीं की, बल्कि हमेशा बोटबैंक की राजनीति की है।”
उन्होंने आगे आरोप लगाया कि मुस्लिम तुष्टीकरण सपा की राजनीति का केन्द्रीय हिस्सा रहा है। “आपकी सरकारों ने बार-बार एक वर्ग विशेष को खुश करने के लिए बाकी समाज की अनदेखी की, जिससे समाज में विभाजन और अविश्वास बढ़ा। मुख्यमंत्री के तौर पर आपने आतंकियों के 14 केस वापस लेकर इस तुष्टीकरण को और मजबूत किया।”
डिप्टी सीएम ने दलितों के खिलाफ भी सपा की राजनीति को जिम्मेदार ठहराया। “सपा शासनकाल में दलितों के अधिकारों का हनन हुआ, उन्हें राजनीतिक रूप से द्विश्रृंखलित किया गया और अन्याय बढ़ा। यह सिर्फ प्रशासनिक विफलता नहीं, बल्कि गहरी राजनीतिक मानसिकता है।”
ब्रजेश पाठक ने समाज को बांटने की सपा की नीति पर भी निशाना साधा। उन्होंने कहा, “यह पार्टी जाति, धर्म और वर्ग के आधार पर राजनीति करती है। इसलिए अगर हम कहते हैं कि सपा के डीएनए में खराबी है तो इसका मतलब यही है।”
अपने पोस्ट के अंत में ब्रजेश पाठक ने अखिलेश यादव को नसीहत दी, “अगर आप बदल सकते हैं तो खुद को और अपनी पार्टी के डीएनए को बदलिए, वरना यह विवाद 2027 तक और उसके बाद भी जारी रहेगा।”
अखिलेश यादव का जवाब:
इससे पहले रविवार को समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव ने इस विवाद को यदुवंश के अपमान से जोड़ते हुए डिप्टी सीएम को नसीहत दी थी। उन्होंने कहा, “मैं यदुवंशी हूं और हमारे डीएनए से भगवान श्रीकृष्ण का संबंध है। आपकी टिप्पणी धार्मिक रूप से हमें आहत करती है। राजनीति करते हुए नैतिकता और धर्म की भावना का सम्मान करें।”
अखिलेश यादव ने पार्टी स्तर पर विवादित पोस्ट करने वालों को समझाने की बात कही और उम्मीद जताई कि इस विवाद को यहीं खत्म किया जाएगा। उन्होंने कहा कि अब नकारात्मक राजनीति से दूरी बनाकर सोच-समझकर आगे बढ़ना चाहिए।