लखनऊ में करीब 80 स्कूलों ने गरीब बच्चों को RTE (राइट टू एजुकेशन) के तहत दाखिला देने से इनकार किया है, जिसके कारण अब इन स्कूलों की नो ऑब्जेक्शन सर्टिफिकेट (NOC) निरस्त करने की तैयारी चल रही है। शिक्षा विभाग ने इस गंभीर मामले को लेकर कड़ा रुख अपनाया है और जांच के बाद आवश्यक कार्रवाई का ऐलान किया है।
🚨लखनऊ : 80 स्कूलों में RTE से दाखिला नहीं🚨
❌अब इन स्कूलों की NOC निरस्त करने की तैयारी
👶इन स्कूलों ने गरीब बच्चों को दाखिला नहीं दिया
👥RTE के तहत चयन के बाद भी प्रवेश नहीं दिया
🏫सेंट जोसेफ कॉलेज प्रियदर्शनी कॉलोनी सीतापुर रोड
🏫एमिटी इंटरनेशनल स्कूल विराज खंड, वृंदावन… pic.twitter.com/2ajqzkUmIN— भारत समाचार | Bharat Samachar (@bstvlive) May 17, 2025
इन स्कूलों ने RTE के तहत चयनित बच्चों को दाखिला नहीं दिया, सेंट एंथोनी स्कूल पारा, एमजी कॉन्वेंट स्कूल सेक्टर जी कानपुर रोड, बाल विद्या मंदिर स्कूल चारबाग, ट्रिनिटी इंटरनेशनल स्कूल एल्डिको, सेंट क्रिस्ट पब्लिक स्कूल गीतापल्ली, ट्रिनिटी इंटरनेशनल स्कूल आम्रपाली योजना, बालगाइड स्कूल सेक्टर 16 इंदिरा नगर व गोसाईगंज। सनसाइन पब्लिक स्कूल कश्मीरी मोहल्ला, एमिटी इंटर नेशनल स्कूल विराज खंड और वृंदावन योजना। कैटिल कान्वेंट इंटर कॉलेज जानकीपुरम, टेंडर हर्ट्स स्कूल महानगर, न्यू पब्लिक इंटर कॉलेज कृष्णा नगर, ब्राइटलैंड त्रिवेणी नगर, सेंट मैरी स्कूल जानकीपुरम एक्सटेंशन, सिटी इंटरनेशनल स्कूल ठाकुरगंज, महर्षि विद्या मंदिर आईआईएम रोड, सेंट्रल पब्लिक स्कूल रजनीखंड शारदानगर। द लखनऊ पब्लिक जॉपलिंग रोड और शारदानगर, डबल एकेडमी इंदिरानगर, लॉयला इंटरनेशनल स्कूल गोमती नगर और बादशाह नगर महानगर। द फोडिल कान्वेंट स्कूल श्रीनाथ नगर पारा, स्प्रिंग डेल स्कूल गोमती नगर, डीपीएस एल्डिको, माउंट बेरी कान्वेंट स्कूल कल्याणपुर और खुर्रमनगर, नवयुग रेडियंस सीनियर सेकेंड्री स्कूल राजेंद्र नगर, सेंट जोसेफ कॉलेज प्रियदर्शनी कॉलोनी सीतापुर रोड
शिक्षा विभाग के अधिकारियों का कहना है कि बच्चों को शिक्षा का अधिकार दिलाने के लिए इस कुप्रथा पर रोक लगाना जरूरी है। स्कूलों की NOC निरस्तीकरण की कार्रवाई से अन्य स्कूलों में भी जागरूकता बढ़ेगी और वे RTE के नियमों का पालन करने के लिए बाध्य होंगे।
इस बीच, शिक्षा विभाग ने सभी संबंधित स्कूलों को चेतावनी जारी करते हुए कहा है कि बच्चों के अधिकारों का उल्लंघन बर्दाश्त नहीं किया जाएगा। गरीब बच्चों के भविष्य को सुरक्षित बनाने के लिए जल्द ही सख्त कदम उठाए जाएंगे। इससे शिक्षा प्रणाली में पारदर्शिता और न्याय सुनिश्चित होगा।
यह मामला प्रदेश में शिक्षा के अधिकार को लेकर बड़ी चुनौती के रूप में उभरा है, लेकिन विभाग की सक्रियता से उम्मीद है कि सभी बच्चों को समान अवसर मिलेगा और शिक्षा का अधिकार सुनिश्चित होगा।