डेस्क : उत्तर प्रदेश में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में फूड एंड रेस्टोरेंट सेक्टर ने नई ऊंचाइयों को छुआ है। राज्य में फूड लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को सरल और पारदर्शी बनाकर खाद्य कारोबारियों को बड़ी राहत दी गई है। फूड सेफ्टी एंड ड्रग एडमिनिस्ट्रेशन विभाग के अनुसार, पिछले कुछ वर्षों में फूड लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन में 200% से अधिक की वृद्धि दर्ज की गई है।
वर्तमान में प्रदेश में 1,16,316 फूड लाइसेंस और 7,43,767 फूड रजिस्ट्रेशन सक्रिय हैं। यह संख्या दर्शाती है कि खाद्य व्यवसाय तेजी से बढ़ रहा है और सरकार का दृष्टिकोण व्यावसायिक सुगमता के साथ-साथ उपभोक्ता सुरक्षा को भी सुनिश्चित करने पर केंद्रित है।
सरकार ने फूड सेफ्टी कनेक्शन एप और एफओएससीओएस पोर्टल के माध्यम से लाइसेंसिंग प्रक्रिया को ऑनलाइन और पेपरलेस बना दिया है। इसके जरिए हाई रिस्क को छोड़कर अन्य सभी फूड लाइसेंस आवेदन 24 घंटे में निस्तारित हो जाते हैं। फेरीवालों और आंगनबाड़ी केंद्रों को बिना शुल्क 5 साल का पंजीकरण दिया जाता है।
सरकार ने खाद्य सुरक्षा को मजबूत बनाने के लिए प्रदेश के सभी मंडलों में हाइटेक फूड एंड ड्रग एनालिसिस लैब और 36 मोबाइल फूड टेस्टिंग लैब्स की स्थापना की है, जो प्रदेश भर में खाद्य पदार्थों की गुणवत्ता जांचती हैं।
यह पहल न केवल निवेशकों को आकर्षित कर रही है, बल्कि आम उपभोक्ताओं को सुरक्षित और गुणवत्ता युक्त खाद्य उत्पाद भी सुनिश्चित कर रही है।