Uttar Pradesh: अमरोहा से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने एक बार फिर इंसानियत, कानून और सामाजिक सुरक्षा पर कई सवाल खड़े कर दिए हैं। नौगांवा सादात थाना क्षेत्र में एक दुष्कर्म आरोपी फैसल ने पहले पीड़िता को पिस्टल दिखाकर जान से मारने की धमकी दी, और जब पुलिस ने उस पर दूसरा केस दर्ज किया, तो उसने जहर खाकर आत्महत्या कर ली।
जानकारी के मुताबिक, फैसल पर पहले से ही दुष्कर्म का मामला दर्ज था। हाल ही में उसने पीड़िता को धमकाने के इरादे से खुलेआम पिस्टल तानी, जिसकी पूरी घटना सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई। वीडियो वायरल होते ही पुलिस हरकत में आई और फैसल पर एक और मुकदमा दर्ज कर लिया गया।
कानूनी शिकंजा कसता देख आरोपी ने खुद को बचाने का आखिरी रास्ता अपनाया — जहर खा लिया। उसकी हालत बिगड़ने पर उसे दिल्ली के अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई।
अब सवाल यह उठता है कि क्या ये आत्महत्या कानून के डर से थी, या फिर यह भी एक सोची-समझी रणनीति थी, ताकि वो सज़ा से बच सके और कानून की प्रक्रिया अधूरी रह जाए?
इस घटना ने एक बार फिर सिस्टम की संवेदनशीलता और सुरक्षा व्यवस्था को कटघरे में खड़ा कर दिया है। जब आरोपी खुलेआम पीड़िता को धमका सकता है, तो पीड़िता की सुरक्षा पर गंभीर सवाल खड़े होते हैं। वहीं, आरोपी की मौत के बाद कानूनी कार्रवाई अधर में लटक गई है।
फिलहाल पुलिस मामले की जांच कर रही है, लेकिन यह घटना साफ इशारा करती है कि अपराधियों में अब भी कानून का उतना डर नहीं है, जितना होना चाहिए — और पीड़ित आज भी न्याय के लिए खुद को असहाय महसूस कर रही है।