पिछले हफ्ते प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) के 10 साल पूरे हुए, जिसे माइक्रो यूनिट्स डेवलपमेंट एंड रिफाइनेंस एजेंसी (MUDRA) के तहत शुरू किया गया था। इसका उद्देश्य उन सूक्ष्म उद्यमों और छोटे व्यवसायों को वित्तीय सहायता प्रदान करना था, जिन्हें पहले कोई ऋण नहीं मिलता था।
PMMY ने बगैर किसी संपत्ति गारंटी के ऋण प्राप्त करने की प्रक्रिया को आसान बना दिया, जिससे ग्रामीण और अर्ध-शहरी क्षेत्रों में नए उद्यमियों को बढ़ावा मिला। अब यह योजना 20 लाख रुपये तक का ऋण प्रदान करती है और इसने छोटे व्यवसायों के लिए वित्तीय सुलभता को बढ़ावा दिया है। इस योजना के तहत अब तक 52 करोड़ ऋणों के माध्यम से 33 लाख करोड़ रुपये की राशि वितरित की जा चुकी है। तमिलनाडु, उत्तर प्रदेश और कर्नाटक में सबसे अधिक राशि वितरित की गई है।
ऋण की औसत राशि 168% बढ़कर 38,117 रुपये से बढ़कर FY25 में 1.02 लाख रुपये हो गई है, जो बढ़ते व्यापार विश्वास और योजना की क्षमता को दर्शाता है। योजना के लाभार्थियों में 68% महिलाएं हैं और महिला उद्यमियों के लिए ऋण राशि 174% बढ़ी है।
समाज के हाशिये पर खड़े समूहों के लिए वित्तीय समावेशन की दिशा में भी सकारात्मक परिणाम सामने आए हैं। 50% MUDRA खातों के धारक SC, ST और OBC हैं, जबकि 11% अल्पसंख्यक समुदाय से हैं।
यह योजना MSME (सूक्ष्म, छोटे और मझोले उद्यम) क्षेत्र को भी सशक्त बना रही है। 2014-15 में MSME के लिए ऋण 8.51 लाख करोड़ रुपये था, जो 2024-25 में बढ़कर 27.25 लाख करोड़ रुपये तक पहुंचने का अनुमान है।
MUDRA योजना ने नए उद्यमियों की सफलता की कई कहानियां भी सामने रखी हैं। जैसे कि ‘K9 World’ के संस्थापक, जिन्होंने MUDRA ऋण से अपना व्यापार शुरू किया और अब प्रति माह 50,000 रुपये कमा रहे हैं। इसी तरह, केरल के गोपीकृष्णन ने अपने PMMY ऋण से नवीकरणीय ऊर्जा समाधान प्रदान किए, जिससे उन्होंने न केवल अच्छा मुनाफा कमाया, बल्कि लोगों के बिजली बिलों में भी भारी कटौती की।
इसके अलावा, “House of Puchka” के संस्थापक इsha पटेल ने भी MUDRA ऋण से अपने कैफे व्यवसाय को शुरू किया और अब वे एक सफल उद्यमी बन चुकी हैं।
MUDRA योजना ने ना केवल रोजगार सृजन किया है, बल्कि भारत के उद्यमिता और आत्मनिर्भरता की ओर एक महत्वपूर्ण कदम बढ़ाया है। योजना के तहत NPA (नॉन-परफॉर्मिंग एसेट) दर केवल 3.5% है, जो इस क्षेत्र में सबसे कम है, और यह दर्शाता है कि वित्तीय स्थिरता के साथ उद्यमिता को बढ़ावा दिया गया है।
प्रधानमंत्री मोदी ने इस योजना के माध्यम से यह संदेश दिया कि उनकी सरकार देशवासियों के सपनों को पूरा करने में उनके साथ खड़ी है। आज, बैंकिंग क्षेत्र भी इस योजना से मजबूत हुआ है और अब छोटे उद्यमियों की जरूरतों को समझने और उनका समर्थन करने में अधिक सक्षम है।
MUDRA योजना के एक दशक में भारत की सबसे बड़ी स्व-रोज़गार सृजन योजना बन गई है, जो प्रधानमंत्री मोदी की विकास के लाभों को सब तक पहुंचाने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित करती है।