सहारनपुर के थाना रामपुर मनिहारान क्षेत्र के ग्राम मुंडीखेड़ी में एक फौजी विक्रांत फौजी की गोली मारकर हत्या कर दी गई है। यह हत्या एक पुरानी रंजिश का नतीजा है, जो 2020 में विक्रांत के चचेरे भाई रजत की हत्या से जुड़ी हुई है। इस मामले में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है और दो दिन में ही हत्या की साजिश का पर्दाफाश कर दिया गया है।
जानकारी के अनुसार, विक्रांत फौजी और सूरज फौजी दोनों रिश्तेदार हैं और दोनों एक ही गांव के रहने वाले हैं। दोनों की तैनाती एक ही स्थान पर थी और दोनों ने एक ही परिवार के सदस्य की 13वीं के लिए छुट्टी ली थी। 2020 में विक्रांत का विवाद एक अन्य व्यक्ति कपिल से हुआ था, जिसमें विक्रांत ने अपने परिवार के सदस्य रजत और अन्य साथियों को बुलाया था, जबकि कपिल ने देवेंद्र और अन्य साथियों को बुलाया था। इस झगड़े में रजत को चाकू लगने से उसकी मौत हो गई थी, और कपिल के साथियों को जेल भेजा गया था।
विक्रांत की गवाही से देवेंद्र को सजा मिल गई थी, लेकिन अब जब विक्रांत छुट्टी लेकर घर आया, तो देवेंद्र जमानत पर बाहर था। विक्रांत और देवेंद्र के बीच नजदीकियां बढ़ने लगीं, जिससे सूरज फौजी को गुस्सा आ गया। उसे यह महसूस हुआ कि विक्रांत फौजी की वजह से ही उसके भाई रजत की हत्या हुई थी और अब विक्रांत उसी के साथ बातचीत कर रहा था, जो उसके भाई का हत्यारा था। इस गुस्से और नफरत में सूरज फौजी ने अपने दो साथियों अंकुश और विशाल के साथ मिलकर विक्रांत की हत्या की साजिश रची।
9 अप्रैल की शाम सूरज फौजी, अंकुश और विशाल ने विक्रांत फौजी को गांव के बाहर एक सुनसान खेत में बुलाया। वहां शराब पीने के बहाने तीनों ने विक्रांत को एकांत में ले जाकर उसे गोली मारी और मौके से फरार हो गए। हत्या के बाद पुलिस ने मुखबिर की सूचना पर अंकुश को गिरफ्तार कर लिया, जिसके पास से हत्या में इस्तेमाल किया गया तमंचा और कारतूस बरामद हुए हैं। पुलिस ने आरोपियों के खिलाफ शस्त्र अधिनियम और हत्या के आरोपों के तहत कार्रवाई की है।
पुलिस ने गिरफ्तार आरोपी अंकुश से पूछताछ की तो उसने पूरी घटना का खुलासा किया। उसने बताया कि हत्या की योजना सूरज फौजी ने बनाई थी और विशाल को भी इसमें शामिल किया था। घटना के बाद सभी ने अपने-अपने हथियार अलग-अलग स्थानों पर छिपा दिए थे।
पुलिस ने इस मामले में कार्रवाई करते हुए मामले में धाराएं बढ़ा दी हैं और शस्त्र अधिनियम की धाराओं को भी जोड़ दिया है। एसपी सिटी व्योम बिंदल और वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देशन में पुलिस ने दो दिन में हत्या की साजिश का पर्दाफाश किया है। फिलहाल दो आरोपी फरार हैं और पुलिस उनकी गिरफ्तारी के लिए लगातार दबिश दे रही है। पुलिस का कहना है कि यह हत्या सिर्फ व्यक्तिगत दुश्मनी का परिणाम नहीं थी, बल्कि इसमें गवाहों की भूमिका और मनोवैज्ञानिक द्वेष का भी गहरा असर था।
पुलिस यह भी जांच कर रही है कि विक्रांत फौजी की गवाही से देवेंद्र को सजा हो सकती थी या वह गवाही अब कमजोर हो चुकी थी। फिलहाल, गिरफ्तार आरोपी अंकुश को न्यायालय में पेश किया जा रहा है और फरार अभियुक्तों की तलाश जारी है। पुलिस का कहना है कि मामले की पूरी जांच की जा रही है और आरोपियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।