Ram Mandir: अयोध्या की पावन धरती आज एक अद्वितीय क्षण की साक्षी बनी, जब राम नवमी के शुभ अवसर पर रामलला के मस्तक पर सूर्य की रश्मियों ने तिलक किया। यह दिव्य, भव्य और अलौकिक सूर्य तिलक नज़ारा देखकर ऐसा प्रतीत हुआ मानो त्रेता युग धरती पर उतर आया हो।
जैसे ही सूर्य की किरणें विशेष खगोलीय गणनाओं और वैज्ञानिक तकनीक से रामलला के ललाट पर पड़ीं, मंदिर परिसर में मौजूद लाखों श्रद्धालु भाव-विभोर हो उठे। पूरा वातावरण भक्तिरस से सराबोर हो गया, और हर कोई इस दिव्य क्षण का साक्षी बनने को धन्य महसूस कर रहा था।
इस खास मौके पर श्रीराम जन्मभूमि मंदिर में रामलला का दुग्धाभिषेक किया गया, जिसमें विधिपूर्वक पूजा-अर्चना के साथ उन्हें गाय के शुद्ध दूध से स्नान कराया गया। मंदिर परिसर ‘जय श्रीराम’ के नारों से गूंज उठा।
सबसे खास दृश्य रहा रामलला का सूर्य तिलक, जहां ज्योतिषीय गणना और विशेष तकनीक से सूर्य की किरणें रामलला के मस्तक पर पड़ीं। यह दृश्य ऐसा प्रतीत हुआ मानो त्रेता युग के दर्शन हो रहे हों — जब स्वयं भगवान विष्णु ने राम रूप में अवतार लिया था।

अयोध्या में सुरक्षा के विशेष इंतजाम किए गए हैं और लाखों श्रद्धालु रामलला के दर्शन के लिए उमड़े हुए हैं। पूरा वातावरण भक्ति और आनंद से सराबोर है, हर गली, हर मंदिर राम नाम के जयकारों से गूंज रही है।