दिल्ली- 69 हज़ार शिक्षक भर्ती में सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी. बता दें कि चयनित,अन्य अभ्यर्थियों की निगाह SC पर टिकी हुई है. दोनों ही पक्ष के लोग सुनवाई के लिए दिल्ली मौजूद में हैं. इस मामले में अब तक 1 बार 9 सितंबर को सुनवाई हुई है.सुप्रीम कोर्ट में 23 सितंबर को होने वाली सुनवाई टल गई थी.
बात दें की मुख्य न्यायाधीश की अध्यक्षता वाली पीठ ने इस मामले में लखनऊ हाईकोर्ट के डबल बेंच के आदेश पर 9 सितंबर को सुनवाई के बाद रोक लगा दी थी और 23 सितंबर को सुनवाई के लिए आदेश दिया था. लेकिन सुनावाई नहीं हो सकी थी. मामले में अगली तारीख 15 अक्टूबर तय हुई. इससे पहले 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट डबल बेंच ने एक फैसला दिया था. जिसे अनारक्षित वर्ग के कुछ अभ्यर्थीयों के द्वारा सुप्रीम कोर्ट में चैलेंज किया गया है. जबकि आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों ने और सरकार ने इस फैसले को सही माना हैं. आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थी सरकार से इसका पालन किए जाने के लिए आग्रह भी किया.लेकिन सरकार इस पर आगे नहीं बढ़ पाई और अब इस मामले की सुनवाई सुप्रीम कोर्ट में चल रही है.
अमरेंद्र पटेल ने बताया की चीफ जस्टिस ऑफ इंडिया को हमारे अधिवक्ताओं ने उनके द्वारा दिए गये ऑर्डर के बारे में अवगत कराया और बताया की यह मामला 15 अक्टूबर को सुनने के लिए आप के द्वारा बोला गया था लेकिन कॉज लिस्ट में नहीं है. चीफ जस्टिस ने रजिस्ट्री में पता करने को बोला.सीसी अभी देर रात आयी सप्लीमेट्री लिस्ट में 40 वे नम्बर पर सुना जाएगा.
अमरेंद्र पटेल ने बताया कि वर्ष 2018 में यह भर्ती प्रक्रिया शुरू हुई थी. जब इसका परिणाम आया तो इसमें व्यापक स्तर पर आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के साथ अन्याय किया गया और उन्हें नौकरी देने से वंचित कर दिया गया. एक लंबे आंदोलन और न्यायिक प्रक्रिया से गुजरने के बाद बीते 13 अगस्त 2024 को लखनऊ हाई कोर्ट के डबल बेंच ने हम आरक्षित वर्ग के अभ्यर्थियों के हित में फैसला सुनाया है और नियमों का पालन करते हुए अभ्यर्थियों को नियुक्ति दिए जाने का आदेश दिया है.लेकिन सरकार इस प्रकरण में हीला हवाली करती रही। अब ममला सुप्रीम कोर्ट में आया है हमें पूरी उम्मीद है कि हमें यहां भी न्याय मिलेगा.