Indian Railways: भारतीय रेलवे ने 22 मई 2025 को एक नया रिकॉर्ड कायम किया है, जब मात्र 60 सेकंड में 31,814 टिकट बुक किए गए। यह उपलब्धि रेलवे की उन्नत ई-टिकटिंग प्रणाली की मजबूती और विश्वसनीयता को दर्शाती है। सरकार की ओर से बुधवार को जारी बयान के अनुसार, यह मील का पत्थर बॉट-आधारित धोखाधड़ी को रोकने और असली यात्रियों को बेहतर सुविधा देने के लिए किए गए डिजिटल सुधारों का नतीजा है।
रेलवे ने AI आधारित बॉट रोकथाम तकनीक और उच्च गुणवत्ता वाले कंटेंट डिलीवरी नेटवर्क (CDN) के साथ अपनी टिकटिंग प्रणाली को अपडेट किया है। इससे पहले टिकट बुकिंग के दौरान बॉट्स असली यात्रियों का रास्ता रोकते थे, खासकर तात्कालिक (Tatkal) टिकट बुकिंग विंडो में। अब ये बॉट ट्रैफिक लगभग पूरी तरह खत्म हो चुका है, जिससे असली उपयोगकर्ताओं को टिकट पाने में आसानी हो रही है।
इसी कड़ी में, रेलवे ने 2.5 करोड़ से अधिक संदिग्ध यूजर IDs को निष्क्रिय कर दिया है। इनमें कई ऐसे एजेंट थे जो स्वचालित उपकरणों का दुरुपयोग कर अवैध टिकट बुकिंग करते थे। AI सिस्टम की मदद से ऐसे खातों की पहचान कर उन्हें बंद किया गया है।
नए नियमों के तहत, आधार से सत्यापित उपयोगकर्ता तत्काल तात्कालिक, प्रीमियम तात्कालिक, या अग्रिम आरक्षण टिकट बुक कर सकते हैं, जबकि अन्य उपयोगकर्ताओं को रजिस्ट्रेशन के तीन दिन बाद ही ये टिकट बुक करने की अनुमति मिलेगी।
वित्तीय वर्ष 2024-25 में, दैनिक औसत उपयोगकर्ता लॉगिन 19.5% बढ़कर 82.57 लाख हो गया है, जबकि दैनिक टिकट बुकिंग में 11.85% की वृद्धि हुई है। अब कुल आरक्षित टिकटों में से 86.38% ई-टिकटिंग के माध्यम से बुक किए जा रहे हैं, जो डिजिटल अपनाने की बढ़ती दर को दर्शाता है।
इस सुधार के तहत, 87% स्थैतिक सामग्री CDN के माध्यम से वितरित की जा रही है, जिससे पेज लोडिंग तेज़ हुई है और केंद्रीय सर्वरों पर दबाव कम हुआ है। साथ ही, AI-संचालित वास्तविक समय में धोखाधड़ी का पता लगाने और रोकने की व्यवस्था भी लागू की गई है। संदिग्ध गतिविधि की शिकायत के लिए अब साइबर क्राइम पोर्टल के माध्यम से सीधे शिकायत दर्ज कराने की सुविधा भी उपलब्ध है।
भारतीय रेलवे और IRCTC ने यात्रियों को एक सुरक्षित, सहज और निष्पक्ष टिकट बुकिंग अनुभव प्रदान करने का संकल्प फिर से जताया है।