Most Expensive Weapons in the World: सुरक्षा, शक्ति और सैन्य प्रभुत्व की दौड़ में दुनिया के देश आज हथियारों पर अरबों रुपये खर्च कर रहे हैं। तकनीक और विनाशक क्षमता के लिहाज से कुछ हथियार इतने उन्नत और घातक हैं कि उनकी कीमत सुनकर आम आदमी चौंक जाए। इनमें से कई हथियारों की कीमत किसी छोटे देश के पूरे रक्षा बजट के बराबर होती है। आइए जानते हैं दुनिया के 5 सबसे महंगे और खतरनाक हथियार, जिनकी लागत और क्षमता दोनों ही हैरान कर देने वाली है।
1. ट्राइडेंट मिसाइल (Trident Missile)
कीमत: ₹5.38 अरब प्रति यूनिट
ट्राइडेंट मिसाइल अमेरिका की इंटरकॉन्टिनेंटल बैलिस्टिक मिसाइल है, जिसे लॉकहीड मार्टिन ने बनाया है। इसका इस्तेमाल अमेरिका और ब्रिटेन की नौसेना करती है। यह समुद्र से लॉन्च की जाने वाली मिसाइल है जो परमाणु हथियारों को लक्ष्य तक पहुंचाने में सक्षम है। इसकी खतरनाक क्षमता और उन्नत तकनीक इसे दुनिया का सबसे महंगा हथियार बनाती है।
2. मदर ऑफ ऑल बॉम्ब्स (MOAB)
अनुमानित कीमत: करोड़ों रुपये (सटीक मूल्य गोपनीय)
GBU-43/B के नाम से भी जाना जाने वाला यह अमेरिका का सबसे शक्तिशाली गैर-परमाणु बम है। दुश्मन के बड़े अड्डों और बंकरों को एक झटके में तबाह करने की क्षमता रखने वाला यह बम एक बार अफगानिस्तान में ISIS ठिकानों पर इस्तेमाल किया जा चुका है।
3. एडवांस्ड प्रिसिजन किल वेपन सिस्टम (APKWS)
कीमत: ₹23 लाख प्रति यूनिट
यह एक लेजर गाइडेड रॉकेट सिस्टम है, जिसे पारंपरिक रॉकेट लॉन्चर से दागा जा सकता है। इसका उपयोग सटीक निशाने के लिए किया जाता है और इसे हेलीकॉप्टरों, ड्रोन या हल्के विमान प्लेटफॉर्म से भी लॉन्च किया जा सकता है। यह युद्ध के मैदान में बेहद कुशल साबित होता है।
4. स्टिंगर मिसाइल (Stinger Missile)
कैटेगरी: मैन-पोर्टेबल एयर डिफेंस सिस्टम (MANPADS)
स्टिंगर मिसाइल एक व्यक्ति द्वारा संचालित की जा सकने वाली सतह से हवा में मार करने वाली मिसाइल है। यह कम ऊंचाई पर उड़ रहे विमानों, ड्रोन या हेलीकॉप्टरों को आसानी से मार गिरा सकती है। इसकी तैनाती से सेना को रणनीतिक बढ़त मिलती है।
5. SIG 716 असॉल्ट राइफल (SIG 716 Assault Rifle)
उपयोग: क्लोज-क्वार्टर बैटल (CQB)
SIG Sauer द्वारा बनाई गई यह आधुनिक असॉल्ट राइफल भारतीय सेना द्वारा भी अपनाई जा चुकी है। यह राइफल उच्च मारक क्षमता, लंबी दूरी और भरोसेमंद फायरिंग मैकेनिज्म के लिए जानी जाती है। इसकी उपयोगिता शहरी युद्ध और सीमावर्ती क्षेत्रों में साबित हो चुकी है।
इन हथियारों की कीमत केवल आर्थिक रूप से नहीं, बल्कि रणनीतिक दृष्टिकोण से भी भारी है। हर देश अपनी सुरक्षा को लेकर लगातार इन अत्याधुनिक तकनीकों में निवेश कर रहा है। लेकिन इन हथियारों का मूल उद्देश्य है… शक्ति संतुलन और दुश्मन को चेतावनी देना कि युद्ध की कीमत बहुत भारी हो सकती है।