लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा राज्य भर के 27,000 से अधिक प्राइमरी स्कूलों को बंद करने के आदेश के खिलाफ अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष और पूर्व मंत्री स्वामी प्रसाद मौर्य बृहस्पतिवार को सड़कों पर उतर आए। वे सैकड़ों समर्थकों के साथ राज्यपाल को ज्ञापन सौंपने जा रहे थे, लेकिन दारुलशफा के पास पुलिस ने उन्हें बैरिकेड लगाकर रोक दिया, जिससे नाराज होकर उन्होंने सड़क पर ही धरना शुरू कर दिया।

भीषण गर्मी में सड़क पर धरना, सरकार के खिलाफ नारेबाजी

गर्मी की परवाह किए बिना स्वामी प्रसाद मौर्य अपने सैकड़ों कार्यकर्ताओं के साथ धरने पर बैठ गए। उन्होंने सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की और आरोप लगाया कि स्कूलों को बंद करना बच्चों की शिक्षा के साथ गंभीर खिलवाड़ है। स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि हम राज्यपाल से मिलकर यह मांग करने जा रहे थे कि सरकार तत्काल स्कूलों को बंद करने का आदेश वापस ले। लेकिन हमें रास्ते में ही रोक दिया गया। यह लोकतांत्रिक अधिकारों का हनन है।

स्कूल बंदी से बच्चों की शिक्षा पर संकट

स्वामी प्रसाद मौर्य ने कहा कि जिन स्कूलों को सरकार ने मर्ज किया है, वहां पढ़ने वाले बच्चों को अब कई किलोमीटर दूर स्कूल जाना पड़ेगा, जिससे गरीब और ग्रामीण बच्चों की पढ़ाई बुरी तरह प्रभावित होगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार लाखों शिक्षकों की कमी की सच्चाई छिपा रही है, जबकि यही कारण है कि शिक्षा की गुणवत्ता गिर रही है।

शिक्षकों की भर्ती नहीं, उल्टा स्कूल बंद कर रही सरकार

धरने के दौरान मौर्य ने आरोप लगाया कि योगी सरकार बच्चों की शिक्षा को कमजोर कर रही है, क्योंकि जहां शिक्षकों की नियुक्ति होनी चाहिए, वहां पर स्कूल ही बंद किए जा रहे हैं। उन्होंने यह भी चेतावनी दी कि यदि सरकार ने अपना आदेश वापस नहीं लिया, तो यह आंदोलन और तेज होगा।

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