Marco Rubio बोले – “हमने न्याय का दिन देख लिया”
अमेरिकी विदेश मंत्री का बयान: भारत के साथ मिलकर दिलाया न्याय
अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने शुक्रवार को कहा, “हमें खुशी है कि भारत के साथ मिलकर हमने ताहव्वुर हुसैन राणा को भारत प्रत्यर्पित किया। 26/11 हमले में मारे गए 166 लोगों, जिनमें 6 अमेरिकी नागरिक भी शामिल थे, के लिए हमने लंबे समय से न्याय की मांग की थी। आज वो दिन आ गया है।”
US DOJ का खुलासा: राणा ने कहा था ‘Indians deserved it’, हमलावरों को Nishan-e-Haider दिलाने की बात की
अमेरिकी न्याय विभाग के अनुसार, राणा ने हमलों के बाद डेविड हेडली से कहा था कि भारतीय “इस लायक थे” और मारे गए 9 लश्कर-ए-तैयबा आतंकियों को पाकिस्तान का सर्वोच्च सैन्य सम्मान निशान-ए-हैदर दिया जाना चाहिए। यह बातचीत इंटरसेप्टेड कॉल्स में रिकॉर्ड हुई थी।
राणा पर 26/11 के अलावा कई और हमलों की साज़िश का आरोप
राणा, जो कभी पाकिस्तानी सेना के मेडिकल कोर में था और बाद में इमिग्रेशन कंसल्टेंट बन गया, ने अपने बचपन के दोस्त डेविड हेडली को लॉजिस्टिक सपोर्ट दिया था। NIA ने अदालत में कहा है कि राणा ने मुंबई जैसे कई और हमलों की योजना बनाई थी।
NIA की बड़ी जांच: राणा से और साज़िशों की जानकारी मिलने की उम्मीद
NIA का मानना है कि मुंबई हमला सिर्फ शुरुआत थी। राणा से लंबी पूछताछ की जाएगी ताकि अन्य संभावित हमलों की जानकारी हासिल की जा सके। सूत्रों के अनुसार, इसी वजह से उसकी लंबी हिरासत की मांग की गई है।
भारी सुरक्षा में कोर्ट लाया गया राणा: SWAT वाहन और एंबुलेंस भी शामिल
ताहव्वुर राणा को कड़ी सुरक्षा के बीच कोर्ट में पेश किया गया। सुरक्षा काफिले में जेल वैन, बख्तरबंद SWAT वाहन और एक एंबुलेंस शामिल थी। भारत लाने से पहले अमेरिका में उसकी अंतिम अपील सुप्रीम कोर्ट ने खारिज कर दी थी। उसे लॉस एंजेलेस के मेट्रोपॉलिटन डिटेंशन सेंटर में रखा गया था।