India GDP growth FY2: अंतरराष्ट्रीय परामर्शदाता कंपनी प्राइसवाटरहाउसकूपर्स (PwC) ने कहा है कि भारत की अर्थव्यवस्था वित्त वर्ष 2025-26 में 6.5 प्रतिशत की दर से वृद्धि कर सकती है। कंपनी का मानना है कि सरकार की ओर से संभावित टैक्स में राहत और भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा ब्याज दरों में कटौती जैसे कदम इस वृद्धि को गति देने में सहायक होंगे।

PwC की ताज़ा रिपोर्ट के अनुसार, आने वाले समय में महंगाई पर काबू पाया जा सकता है और इसके साथ ही यदि RBI 25 से 50 आधार अंकों की रेपो रेट में कटौती करता है, तो कर्ज लेना सस्ता हो जाएगा। इससे निवेश बढ़ेगा और उपभोग में तेजी आएगी। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि अगर सरकार आयकर में छूट देती है, तो आम लोगों के पास खर्च करने के लिए अधिक धन रहेगा, जिससे बाज़ार में मांग बढ़ेगी।

इसके अलावा, ग्रामीण अर्थव्यवस्था में भी मजबूती देखी जा रही है। अच्छे मानसून और मजदूरी में वृद्धि से गांवों में खपत बढ़ने की संभावना है। PwC ने यह भी कहा कि यदि इन सभी परिस्थितियों का सही तालमेल बना रहा, तो निजी खपत और निवेश में सुधार के ज़रिए भारत 6.5% की विकास दर हासिल कर सकता है।

हालांकि, PwC ने यह भी आगाह किया है कि यह अनुमान कई शर्तों पर आधारित है। यदि वैश्विक आर्थिक हालात बिगड़ते हैं या फिर घरेलू नीतियों में कोई बड़ा बदलाव आता है, तो विकास दर प्रभावित हो सकती है।

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