नई दिल्ली: भारत में वाइट-कॉलर जॉब मार्केट 2025 की दूसरी छमाही में तेज़ी से बढ़ने की संभावना है। Naukri की द्विवार्षिक ‘Hiring Outlook’ रिपोर्ट के अनुसार, लगभग 72 प्रतिशत नियोक्ता नई भर्तियों के माध्यम से वर्कफोर्स का विस्तार करने की योजना बना रहे हैं।

रिपोर्ट में 1,300 नियोक्ताओं के इनपुट के आधार पर यह अनुमान लगाया गया है कि कुल मिलाकर 94 प्रतिशत नियोक्ता इस वित्तीय वर्ष की दूसरी छमाही में भर्ती करने की योजना बना रहे हैं।

हालांकि, आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) को लेकर नौकरी में कटौती की बातें चल रही हैं, रिपोर्ट बताती है कि 87 प्रतिशत नियोक्ता इसके कारण बड़े पैमाने पर नौकरियों की हानि की संभावना नहीं देखते। वहीं, 13 प्रतिशत नियोक्ता मानते हैं कि AI नई नौकरियों के सृजन में मदद करेगा, खासकर उभरते रोल्स में।

सबसे अधिक लाभ आईटी (42 प्रतिशत), एनालिटिक्स (17 प्रतिशत) और बिजनेस डेवलपमेंट (11 प्रतिशत) सेक्टर्स को मिलेगा। नियोक्ता AI-संबंधित तकनीकों में दक्ष पेशेवरों की मांग कर रहे हैं, जिसमें मशीन लर्निंग, डेटा साइंस और AI मुख्य हैं।

रिपोर्ट में यह भी खुलासा हुआ कि मिड-लेवल प्रोफेशनल्स (4-7 साल अनुभव) की मांग सबसे अधिक है, जहां 47 प्रतिशत नियोक्ता भर्ती करने का इरादा रखते हैं। एंट्री-लेवल उम्मीदवार (0-3 साल) के लिए यह संख्या 29 प्रतिशत है, जबकि 8-12 साल अनुभव वाले के लिए केवल 17 प्रतिशत और 13-16 साल अनुभव वाले के लिए सिर्फ 3 प्रतिशत भर्ती की योजना है।

Naukri के चीफ बिज़नेस ऑफिसर पवन गोयल ने कहा, “यह उत्साहजनक है कि नियोक्ता नई भर्तियों के माध्यम से विस्तार कर रहे हैं न कि केवल रिप्लेसमेंट हायरिंग कर रहे हैं। AI को लेकर नौकरियों में कटौती का डर वैश्विक चर्चा के विपरीत नहीं दिख रहा।”

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