लखनऊ: उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष अखिलेश यादव का आज 52वां जन्मदिन है। इस अवसर पर उनकी राजनीति में अहम मोड़ के तौर पर 2012 में हुई साइकिल यात्रा को याद किया जा रहा है, जो यूपी की सियासत का टर्निंग पॉइंट साबित हुई।

2012 में अखिलेश यादव ने प्रदेश के हर जिले में साइकिल यात्रा की, जिसे लेकर उनके समर्थकों और विरोधियों दोनों के बीच हलचल मच गई थी। इस यात्रा ने अखिलेश यादव को न सिर्फ यूपी की राजनीति में एक प्रमुख नेता के रूप में स्थापित किया, बल्कि वह मुलायम सिंह यादव द्वारा प्रदेश अध्यक्ष बनाए गए। साइकिल यात्रा के दौरान उन्होंने प्रदेशभर में मायावती सरकार के कुशासन और माफिया राज के खिलाफ जन जागरूकता फैलाई और इसके खिलाफ एक सशक्त आवाज उठाई।

अखिलेश की रणनीति में मुफ्त शिक्षा, लैपटॉप और टैबलेट जैसे वादे शामिल थे, जो खासतौर पर युवाओं और ग्रामीण मतदाताओं को आकर्षित करने में सफल रहे। इसके साथ ही, उन्होंने बेरोजगारी भत्ता जैसी योजनाओं को भी प्राथमिकता दी, जो सीधे तौर पर युवाओं से जुड़ी हुई थीं।

उनकी सबसे बड़ी उपलब्धि थी टिकट वितरण में युवाओं और अपने समर्थकों को प्राथमिकता देना। इस कदम का उन्हें बड़ा फायदा हुआ, और इसके परिणामस्वरूप 2012 विधानसभा चुनाव में 224 सीटों के साथ सपा ने सत्ता में वापसी की।

अखिलेश यादव की साइकिल यात्रा ने न केवल उनकी राजनीतिक पहचान को और मजबूत किया, बल्कि यह प्रदेश की राजनीति में एक नया बदलाव लेकर आई, जिसने समाजवादी पार्टी को सत्ता में वापसी दिलाई। उनके इस कदम ने यह साबित कर दिया कि वह सिर्फ एक नेतृत्वकर्ता नहीं, बल्कि एक रणनीतिकार भी हैं, जो युवा और विकास की दिशा में राजनीति करते हैं।

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