लखनऊ : भारत निर्वाचन आयोग ने 9 अगस्त 2025 के अपने आदेश द्वारा उन राजनीतिक दलों को पंजीकृत राजनीतिक दलों की सूची से बाहर कर दिया है, जो वर्ष 2019 से लगातार 6 वर्षों तक विधानसभा और लोकसभा के चुनावों में भाग नहीं ले पाए हैं और जिनका उत्तर प्रदेश में स्थित पंजीकृत पता भी मौजूद नहीं है। इन 115 दलों को अब चुनाव चिन्ह (आरक्षण और आवंटन) आदेश 1968, लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 की धारा 29 बी और 29 सी के तहत मिलने वाले किसी भी लाभ से वंचित कर दिया गया है।

यह आदेश भारत सरकार के आयकर अधिनियम 1961 के सुसंगत प्रावधानों के अंतर्गत भी लागू होता है। इस आदेश से क्षुब्ध कोई भी पक्ष आदेश की तिथि से 30 दिनों के भीतर निर्वाचन आयोग के समक्ष अपील कर सकता है।

आयोग के इस आदेश से उन दलों को भी यह समझ में आता है कि चुनाव में सक्रियता और प्रतिनिधित्व बनाए रखना कितना महत्वपूर्ण है। अब इन दलों को चुनावी लाभ के लिए पंजीकरण को फिर से संजीवनी देने के लिए अपनी स्थिति सुधारने की आवश्यकता होगी।भारत निर्वाचन आयोग की सूची में शामिल और बाहर किए गए दलों की जानकारी आगामी चहको में दी जाएगी

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