केंद्र सरकार ने जानकारी दी है कि पिछले 10 वर्षों में देशभर में चल रही राष्ट्रीय कौशल विकास निगम (NSDC) और प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY) के तहत 3.3 करोड़ से अधिक युवाओं को विभिन्न क्षेत्रों में कौशल प्रशिक्षण दिया गया है।
राज्यसभा में एक लिखित जवाब में सरकार ने बताया कि इस पहल का उद्देश्य देश के युवाओं को रोजगार योग्य बनाना और उन्हें आत्मनिर्भर बनाना है।
कौन-कौन सी योजनाएं शामिल रहीं?
- प्रधानमंत्री कौशल विकास योजना (PMKVY): इस योजना के तहत अब तक 1.63 करोड़ से ज्यादा लोगों को ट्रेनिंग दी जा चुकी है।
- NSDC के माध्यम से अन्य प्रशिक्षण कार्यक्रमों को मिलाकर कुल आंकड़ा 3.3 करोड़ से अधिक हो गया है।
किन क्षेत्रों में दी गई ट्रेनिंग?
प्रशिक्षण के अंतर्गत युवाओं को इलेक्ट्रॉनिक्स, निर्माण, हॉस्पिटैलिटी, टेक्सटाइल, हेल्थकेयर, रिटेल, ऑटोमोबाइल जैसे प्रमुख क्षेत्रों में कौशल विकास किया गया। यह ट्रेनिंग राष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त कोर्सेस के माध्यम से दी गई।
महिलाओं और पिछड़े वर्गों की भागीदारी
सरकार के मुताबिक, इस स्किलिंग प्रोग्राम में महिलाओं की भागीदारी 40% से अधिक रही है। साथ ही, अनुसूचित जाति, जनजाति और अल्पसंख्यक वर्गों के युवाओं को भी खास प्राथमिकता दी गई।
रोजगार के अवसर
हालांकि प्रशिक्षण पाने वालों की संख्या बड़ी है, लेकिन संसद में यह भी स्वीकार किया गया कि प्लेसमेंट की दर अपेक्षाकृत कम रही है। फिर भी कई राज्यों में ट्रेनिंग के बाद स्थानीय स्तर पर रोजगार, स्वरोजगार और स्टार्टअप्स के जरिए लाभ हुआ है।
सरकार की अगली योजना
केंद्र सरकार अब PMKVY 4.0 के तहत Skill India Digital Platform और उद्योगों के साथ इंटीग्रेटेड ट्रेनिंग मॉडल पर काम कर रही है, ताकि प्रशिक्षण के बाद रोजगार के अवसर और मजबूत बन सकें।
देशभर में पिछले 10 वर्षों में 3.3 करोड़ से अधिक युवाओं को प्रशिक्षित कर भारत ने “कुशल भारत, समर्थ भारत” की दिशा में बड़ी छलांग लगाई है। आने वाले वर्षों में डिजिटल कौशल और रोजगार-आधारित प्रशिक्षण को प्राथमिकता दी जाएगी।