भारत आने वाले वर्षों में सस्टेनेबल एविएशन फ्यूल (SAF) का प्रमुख निर्यातक बन सकता है। ये कहना है Boeing India और दक्षिण एशिया के प्रेसिडेंट सलील गुप्ते का, जो CII एनुअल बिजनेस समिट 2025 में बोल रहे थे।
गुप्ते ने कहा कि भारत के पास भरपूर मात्रा में फीडस्टॉक (जैसे कृषि अवशेष और इस्तेमाल किया हुआ खाना पकाने का तेल) मौजूद है, जिसका उपयोग SAF के निर्माण में किया जा सकता है। उन्होंने बताया कि वैश्विक विमानन उत्सर्जन में 2–3% योगदान होता है, और SAF इस कार्बन फुटप्रिंट को कम करने का एक अहम समाधान है।
20 वर्षों में भारत में 2,500 नए विमान
सलील गुप्ते के अनुसार, भारत अगले दो दशकों में 2,500 से अधिक नए नागरिक विमान शामिल करेगा, जिससे देश दुनिया के सबसे तेजी से बढ़ते एविएशन बाजारों में से एक बन जाएगा। भारतीय एयरलाइनों ने हाल के वर्षों में पहले ही 1,000 से ज्यादा विमानों का ऑर्डर दे दिया है।
SAF की कीमत ATF से तीन गुना, सप्लाई बड़ी चुनौती
उन्होंने कहा कि SAF की लागत अभी पारंपरिक एविएशन टरबाइन फ्यूल (ATF) से 2.5 से 3.5 गुना ज्यादा है। इसलिए चुनौती तकनीक में नहीं, बल्कि पर्याप्त और सस्ती आपूर्ति सुनिश्चित करने में है।
गुप्ते ने यह भी बताया कि 2050 तक एविएशन सेक्टर के नेट-ज़ीरो टारगेट को हासिल करने के लिए हर साल 185 मिलियन टन SAF का उत्पादन जरूरी है।
भारत सालाना 8–10 मिलियन टन SAF बना सकता है
भारत के पास उपयोग में लाए जा सकने वाले फार्म वेस्ट और किचन ऑयल जैसे संसाधन मौजूद हैं, जिनसे देश सालाना 8 से 10 मिलियन टन SAF का उत्पादन कर सकता है। गुप्ते के मुताबिक, यह वैश्विक मांग का 5% से अधिक हो सकता है।
“भारत SAF का निर्यातक बन सकता है। इससे देश को आर्थिक अवसर मिलेगा और एविएशन इंडस्ट्री को डिकार्बोनाइज करने में मदद मिलेगी,” — सलील गुप्ते, प्रेसिडेंट, बोइंग इंडिया
Boeing की भारत में मजबूत मौजूदगी
Boeing, जो दुनिया की प्रमुख एयरोस्पेस कंपनियों में से एक है, भारत में अपनी मजबूत परिचालन उपस्थिति बनाए हुए है। कंपनी का जोर अब SAF जैसे हरित ईंधन समाधानों को बढ़ावा देने पर है, जिससे विमानन उद्योग का भविष्य अधिक पर्यावरण अनुकूल बन सके।
भारत SAF उत्पादन में वैश्विक नेतृत्व कर सकता है। Boeing India के इस विजन के तहत देश को न सिर्फ हरित ऊर्जा में आत्मनिर्भरता मिलेगी, बल्कि SAF का निर्यात कर भारत वैश्विक जलवायु लक्ष्यों में भी अहम भूमिका निभा सकता है।