हापुड़ से एक ऐसा मामला सामने आया है जिसने रिश्तों को शर्मसार कर दिया है। 27 वर्षीय लक्ष्मी, जो तीन बच्चों की मां है, अपने ही देवर के साथ घर छोड़कर फरार हो गई। यह कोई फिल्मी कहानी नहीं, हकीकत है। पति ने जब देखा कि पत्नी और देवर दोनों गायब हैं, तो रिश्तों के इस विश्वासघात से टूटकर वह पुलिस की चौखट पर न्याय की भीख मांगने पहुंचा। सवाल यह नहीं कि वो भागी, सवाल यह है कि क्या मां होना इतना हल्का हो गया?

तीन मासूम बच्चों की आंखें आज भी दरवाजे की तरफ टिकी हैं। छोटे-छोटे हाथ जोड़कर मां को पुकारा, मगर ममता की मूर्ति कही जाने वाली लक्ष्मी, देवर की मोहब्बत में इतनी अंधी हो गई कि बच्चों की सिसकियों तक को अनसुना कर गई। देवर के लिए यह मोहब्बत थी या जिद — पर बच्चों के लिए यह सज़ा बन गई। यह कहानी सिर्फ फरारी की नहीं, ममता की हार और मोहब्बत की बेरहम जीत की है।

जिस घर में एक औरत मां, बहू और पत्नी के रूप में पूजी जाती थी, वहीं आज उसकी एक चुप्पी ने पूरे परिवार की नींव हिला दी। देवर से प्यार और घर छोड़ने की यह कहानी अब मोहल्ले की दीवारों से निकलकर समाज की आत्मा पर दस्तक दे रही है। क्या अब ममता सिर्फ किताबों और कहानियों में रह जाएगी? हापुड़ की लक्ष्मी ने जो किया, वो सिर्फ फरार नहीं — एक रिश्ते की अर्थी थी, जिसे तीन मासूम कंधे तलाशते रह गए।

रिश्तों का क़त्ल : तीन बच्चों की माँ देवर संग फरार, पति का छलका दर्द !

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