Karwa Chauth 2024: करवा चौथ महिलाओं के लिए बहुत ही खास होता हैं. साल भर महिलाएं इसका बेसब्री से इंतजार करती हैं. ऐसे में आज करवा चोथ का व्रत है तो महिलाएं सुबह से ही इसकी तैयारियों में जुटी हुई हैं. इस दिन माता पार्वती और भगवान शिव की पूजन किया जाता हैं. इसके साथ ही इस अवसर पर महिलाएं अपने पति की लंबी उम्र के लिए पूरा दिन निर्जला व्रत रखती हैं और शाम को चांद को अर्घ्य देकर जल ग्रहण करती हैं. करवा चौथ प्रेम और समर्पण का त्योहार है. ऐसे में ये जानना भी जरुरी हैं की इसकी पूजन विधि क्या हैं और कितने बजे चांद का दीदार होगा…..
करवा चौथ पूजा विधि
- करवा चौथ पर सबसे पहले शाम को लकड़ी की चौकी पर लाल वस्त्र बिछाएं, इस पर भगवान शिव, माता पार्वती, कार्तिकेय, गणेश जी की प्रतिमा स्थापित कर दें.
- एक लोटे में जल भरकर उसके ऊपर श्रीफल रखकर कलावा बांध दें और दूसरा मिट्टी का करवा लेकर उसमें जल भरकर व ढक्कन में शक्कर भर दें और उसके ऊपर दक्षिणा रखें, रोली से करवे पर स्वास्तिक बनाएं.
- इसके बाद धूप, दीप, अक्षत व पुष्प चढाकर भगवान का पूजन करें, पूजा के उपरांत भक्तिपूर्वक हाथ में गेहूं के दाने लेकर चौथ माता की कथा पढ़ें या सुने.
- फिर रात्रि में चंद्रोदय होने पर चंद्रदेव को अर्ध्य देकर बड़ों का आशीर्वाद लेते हुए व्रत को समाप्त करें.
गलती से व्रत टूटने पर क्या करें
लेकिन यदि गलती से आपका करवा चौथ का व्रत पूजा से पहले टूट गया है तो घबराएं नहीं और न ही व्रत को बीच में छोड़ें. अगर गलती से आपका व्रत टूट जाए तो तुरंत हाथ जोड़कर भगवान से इस गलती के लिए माफी मांगें. माफी मांगने के बाद दोबारा व्रत करने का संकल्प लें. इस संकल्प को करने के लिए सबसे पहले अपने दाहिने हाथ में जल लें और क्षमा याचना मंत्र का 51 बार जाप करे. इसके बाद चंद्रदेव का ध्यान करके जल अर्पित कर दें. इसके बाद आप दोबारा व्रत आरंभ कर सकते हैं.
करवा चौथ पूजन मंत्र
“ॐ शिवायै नमः, श्रीं ह्रीं क्लीं मातः पार्वत्यै नमः”
ये अर्घ्य मंत्र हैं. चंद्रमा को अर्घ्य देने के समय इस मंत्र को बोले..
“सौम्यरूप महाभाग मंत्रराज द्विजोत्तम।
मम पूर्वकृतं पापं ओषधे क्षमस्व मे।”
वही पति की आरती के समय इस मंत्र को बोले..
“ऊँ क्लीं सौभाग्यं देहि, पति मे श्रीं ह्रीं स्वाहा”
करवा चौथ पर लखनऊ, आगरा, मेरठ में चंद्रोदय समय..
लखनऊ – रात 07 बजकर 44
वाराणसी – रात 07 बजकर 39
आगरा – रात 07 बजकर 55
मेरठ – रात 07 बजकर 51
इलाहाबाद – रात 07 बजकर 43
इसके अलावा व्रत के समय इन बातों का खास ध्यान रखना चाहिए….
बता दें कि करवा चौथ व्रत के दौरान महिलाएं निर्जला व्रत रखती हैं, जो कि पति की दीर्घायु के लिए समर्पित होता है. इस व्रत में सूर्योदय से चंद्रोदय तक कुछ भी नहीं खाया-पीया जाता है.वही व्रत की शुरुआत सूर्योदय से पहले सरगी खाने से की जाती है. यह सरगी सास द्वारा दी जाती है, जिसे सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है. चंद्रोदय के बाद पति के हाथों से जल ग्रहण करके ही व्रत पूर्ण होता है.
करवा चौथ पर पूजन करने की दिशा ये होगी..
दरअसल करवा चौथ बहुत खास होता हैं..ऐसे में करवा चौथ पर पूजा करने में दिशा का भी विशेष ध्यान रखना होता हैं. पूजा करते समय देवी-देवताओं की प्रतिमा का मुख पश्चिम की ओर और पूजा करने वाली सुहागिन महिलाओं का मुख पूर्व या उत्तर दिशा की ओर करना चाहिए. उत्तर-पूर्व (ईशान) करवा चौथ की पूजा करने के लिए आदर्श स्थान है क्योंकि यह कोण पूर्व एवं उत्तर दिशा के शुभ प्रभावों से युक्त होता है..