Digital Story: “जब रिश्तों से भरोसा खत्म हो जाए और वासना, स्वार्थ और हिंसा का जहर घुल जाए… तो इंसान सिर्फ कातिल ही नहीं, इंसानियत का दुश्मन बन जाता है। उन्नाव की शीबा ने ठीक वही किया.. पति को रास्ते से हटाने के लिए वो अपने प्रेमी के साथ एक खौफनाक साजिश की लीडर बन गई। और ये राज़ खुला मोबाइल की एक स्क्रीन से…”
क्या हैं पूरा मामला?
उत्तर प्रदेश के उन्नाव जिले के गंगाघाट थाना क्षेत्र के अखलाक नगर का निवासी इमरान पेशे से रिक्शा चालक था। ज़िंदगी कठिन थी, लेकिन चल रही थी… लेकिन इमरान की पत्नी शीबा के ज़हन में कुछ और ही चल रहा था। शादीशुदा ज़िंदगी में उसे वो सब कुछ नहीं मिल रहा था जिसकी उसे ख्वाहिश थी… और तभी उसकी ज़िंदगी में आया फरमान उर्फ चुन्ना, जो इमरान का ही पुराना दोस्त था।
धीरे-धीरे दोस्ती प्यार में बदली और प्यार वासना में। इमरान को जब शक हुआ, तो उसने विरोध किया, पत्नी को रोका, समझाया… लेकिन शीबा ने रिश्ते को बचाने के बजाय उसे खत्म करने की ठान ली।
प्रेम, गर्भ और फिर हत्या की तैयारी
कुछ समय बाद फरमान सऊदी चला गया। मगर मोबाइल पर बातों का सिलसिला जारी रहा। 18 जून को जब फरमान भारत लौटा, तो दोनों फिर मिलने लगे। शीबा को जल्द ही पता चला कि वह फरमान के बच्चे की मां बनने वाली है। फरमान ने उससे गर्भपात की सलाह दी, लेकिन शीबा ने कुछ और ही सोचा… अब इमरान को हटाना ही उसका रास्ता साफ करेगा।
6 जुलाई: खून से सनी रात
6 जुलाई की रात तीन लोगों…. शीबा, फरमान और उनके साथी रफीक उर्फ लाली ने मिलकर इमरान को शराब पिलाई, घर छोड़ा, और कुछ देर बाद दोबारा बाहर बुलाया। फिर पुलिया के पास गला काटकर उसकी हत्या कर दी। शव को नाले में फेंक दिया, लेकिन पास ही पड़ा खून पुलिस को पूरे मामले तक ले गया।
व्हाट्सएप चैट, कॉल डिटेल और GPS ने खोली साजिश की परतें
पुलिस जांच में शीबा ने अपना मोबाइल गुम बताकर झूठ बोलने की कोशिश की। लेकिन कॉल डिटेल रिकॉर्ड्स, व्हाट्सएप चैट और GPS लोकेशन से पूरी साजिश बेनकाब हो गई। फरमान की लोकेशन पुलिया के पास पाई गई, और घटना वाली रात दोनों के बीच लगातार बातचीत होती रही।
गिरफ्तारी और कबूलनामा
पुलिस ने शीबा और फरमान को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया है। रफीक उर्फ लाली फरार है, जिसकी तलाश जारी है।
गिरफ्तारी के बाद शीबा ने अपना जुर्म कबूल करते हुए कहा, हां, हमने मारा है। फरमान के कहने पर किया। अब पछतावा है…”
घर, परिवार और समाज सबकुछ सिर्फ नाम भर
आजकल ऐसे मामलों की तादाद लगातार बढ़ रही है …. जहां रिश्तों में प्यार की जगह वासना, विश्वास की जगह धोखा और समझदारी की जगह साजिश ले रही है। पत्नी द्वारा प्रेमी के साथ मिलकर पति की हत्या करना अब कोई फिल्मी कहानी नहीं रह गई, बल्कि एक सामाजिक हकीकत बनती जा रही है। टेक्नोलॉजी ने जहां अपराध को पकड़ना आसान बना दिया है, वहीं इंसान का ज़मीर कहीं पीछे छूटता जा रहा है।
ऐसे में सबसे बड़ा सवाल यही उठता है क्या इंसान अब रिश्ते निभा नहीं रहा, सिर्फ इस्तेमाल कर रहा है? और अगर ऐसा ही चलता रहा… तो घर, परिवार और समाज सबकुछ सिर्फ नाम भर रह जाएंगे।