उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता हरीश रावत ने अपने खास अंदाज में विरोधियों को जवाब देते हुए साफ किया कि उनके अभियानों का राजनीति से कोई लेना-देना नहीं है। उन्होंने बुधवार को अपने आवास पर आयोजित की गई ‘पहाड़ी ककड़ी पार्टी’ के माध्यम से यह संदेश दिया कि उनका हर प्रयास ग्रामीण उत्पादों और किसानों को बढ़ावा देने के लिए है, न कि किसी राजनीतिक प्रचार के लिए।
हरीश रावत ने कहा, “मेरे अभियानों को राजनीतिक चश्मे से देखना गलत है। ये अभियान लूट, झूठ और फूट के खिलाफ हैं। भाजपा नेताओं को मेरे संन्यास की चिंता करने की जरूरत नहीं। जिस दिन कांग्रेस नेतृत्व विशेषकर राहुल गांधी कहेंगे, उसी दिन राजनीति से संन्यास ले लूंगा।”
पूर्व मुख्यमंत्री ने बताया कि यह ककड़ी उन्हें पिथौरागढ़ जिले के एक दूरस्थ गांव से आदि कैलाश यात्रा के दौरान भेंट की गई थी। इसी ककड़ी को केंद्र में रखकर उन्होंने ‘ककड़ी पार्टी’ का आयोजन किया, जिसका उद्देश्य पहाड़ी क्षेत्रों के किसानों और उनके उत्पादों को प्रमोट करना था।
रावत ने यह भी कहा कि जैसे काफल और पहाड़ी ककड़ी उत्तराखंड की आत्मा हैं, वैसे ही वह भी इन परंपराओं और जड़ों से जुड़े रहना चाहते हैं। विरोधियों की आलोचनाओं पर उन्होंने व्यंग्यात्मक लहजे में कहा, “जिन्हें मेरे इस कार्य से आपत्ति है, उनसे क्षमा मांगता हूं