लोकसभा चुनाव के बाद हरियाणा विधानसभा चुनाव में बहुजन समाज पार्टी जीरो पर आउट हुई है। इसके बाद बसपा मुखिया मायावती की पहली प्रतिक्रिया आई हैं. मायावती ने सोशल मीडिया ‘X’ पर लिखा कि हरियाणा विधानसभा चुनाव बीएसपी और इनेलो ने गठबंधन करके लड़ा, लेक‍िन आज आए परिणाम से स्पष्ट है कि जाट समाज के जातिवादी लोगों ने बीएसपी को वोट नहीं दिया, इससे बीएसपी के उम्मीदवार कुछ सीटों पर थोड़े वोटों के अंतर से हार गए. हालांकि, बीएसपी का पूरा वोट ट्रांसफर हुआ.

बदले जातिवादी मानसिकता

उन्होंने कहा कि यूपी के जाट समाज के लोगों ने अपनी जातिवादी मानसिकता को काफी हद तक बदला है और वे बीएसपी से एमएलए तथा सरकार में मंत्री भी बने हैं. हरियाणा प्रदेश के जाट समाज के लोगों को भी उनके पदचिन्हों पर चलकर अपनी जातिवादी मानसिकता को जरूर बदलना चाहिए.

नया रास्ता निकलेगा

मायावती ने आगे कहा, “मैं बीएसपी के लोगों द्वारा पूरी दमदारी के साथ यह चुनाव लड़ने के लिए उनका हार्दिक आभार प्रकट करती हूं. साथ ही आश्वस्त करती हूं कि उनकी मेहनत बेकार नहीं जाएगी. लोगों को निराश नहीं होना है और न ही हिम्मत हारनी है, बल्कि अपना रास्ता खुद बनाने के लिए तत्पर रहना है, नया रास्ता निकलेगा.”

जीरो सीट पर सिमटी बसपा

गौरतलब है कि बहुजन समाज पार्टी का ग्राफ लगातार गिरता जा रहा है. बसपा ने हरियाणा विधानसभा चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल के साथ मिलकर चुनाव लड़ा था. गठबंधन के तहत मायावती को 37 सीटें मिलीं थी. वहीं, आईएनएलडी ने 53 सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे थे. बसपा केवल एक विधानसभा सीट- अटेली पर टक्कर दे पाई. यहां बसपा उम्मीदवार अत्तर लाल को भाजपा की आरती सिंह राव ने 2500 वोटों से हराया.

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