Chandigarh: हरियाणा के वरिष्ठ आईपीएस अधिकारी वाई. पूरन कुमार की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत पर आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय मीडिया प्रभारी अनुराग ढांडा ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है। उन्होंने कहा कि यह घटना अत्यंत गंभीर है और इसकी निष्पक्ष, स्वतंत्र और गहरी न्यायिक जांच होनी चाहिए।

ढांडा ने आरोप लगाया कि दलित अधिकारियों को ऊँचे पद पर देखने के बाद उन्हें प्रताड़ित किया जाता है और यह प्रताड़ना किसी भी सूरत में स्वीकार्य नहीं है। उनके मुताबिक़, जब किसी सामान्य नागरिक को पुलिस पूछताछ के लिए बुलाती है तो राजनीतिक हस्तक्षेप दिखाई देता है, लेकिन दलित अधिकारी के मामले में उन्हें अलग तरह की चरम प्रताड़ना का सामना करना पड़ता है।

उन्होंने हरियाणा सरकार पर भी निशाना साधा और कहा कि प्रदेश सरकार ने वरिष्ठ अधिकारी को अकेला छोड़ दिया। उनका कहना था कि दस साल से अधिक समय से सत्ता में रहने के बाद भी दलितों के खिलाफ अत्याचार के मामले बढ़े हैं और यह चिंताजनक है। ढांडा ने कहा कि मुख्यमंत्री के зарубеж में होने के बावजूद प्रदेश में हो रही घटनाओं पर किसी की परवाह नहीं दिखी।

ढांडा ने सुप्रीम कोर्ट के चीफ जस्टिस पर हुए हालिया हमले का जिक्र करते हुए कहा कि दोनों घटनाओं के पीछे एक ही इको-सिस्टम है जो हमलावरों का साथ देता है और कमजोरों को निशाना बनाता है। उन्होंने मांग की कि जिन लोगों का इसमें हाथ है, उनके खिलाफ जल्द और सख्त कार्रवाई हो।

आम आदमी पार्टी ने स्पष्ट किया है कि दलितों पर किसी भी प्रकार के अत्याचार को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा और इस मामले की निष्पक्ष जांच कराकर दोषियों को कड़ी सजा देने की सरकार से माँग की जा रही है। ढांडा ने कहा कि संविधान ने सभी को बराबरी का अधिकार दिया है और यदि कोई अधिकारी इतना दबाव झेलकर अपना जीवन समाप्त करने पर मजबूर हो जाए तो यह पूरे समाज के लिए शर्मनाक है।

ढांडा ने मीडिया से अपील की कि मामले को तथ्यनिष्ठ तरीके से कवर किया जाए और अफवाहों पर ध्यान न दिया जाए। उन्होंने यह भी कहा कि न्याय सुनिश्चित करने के लिए राज्य और केंद्र सरकार दोनों को संवेदनशीलता दिखानी चाहिए।

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