उत्तराखंड की प्रशासनिक व्यवस्था में भ्रष्टाचार के खिलाफ अब तक की सबसे सख्त कार्रवाई देखने को मिली है। मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार ज़मीन घोटाले में दोषी पाए गए 2 IAS, 1 PCS और 9 अन्य अधिकारियों को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है। इसके साथ ही इस घोटाले की जांच अब विजिलेंस विभाग को सौंप दी गई है।
ज़मीन घोटाले का खुलासा
यह घोटाला तब सामने आया जब नगर निगम ने 54 करोड़ रुपये में 15 करोड़ रुपये की ज़मीन खरीदी। इस ज़मीन को कूड़े के ढेर के पास स्थित कृषि भूमि के तौर पर खरीदा गया था, जिससे पारदर्शिता और नियमों की खुली धज्जियां उड़ाई गईं। इसके बाद मामले की गंभीरता को देखते हुए सरकार ने त्वरित कार्रवाई की और दोषी अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई शुरू की।
निलंबित अधिकारी:
मुख्यमंत्री धामी ने 2 IAS और 1 PCS अफसर समेत 9 अन्य अधिकारियों को निलंबित कर दिया है। इन अधिकारियों में से कुछ बड़े नाम इस प्रकार हैं:
- कर्मेन्द्र सिंह (DM, हरिद्वार)
- वरुण चौधरी (पूर्व नगर आयुक्त)
- अजयवीर सिंह (SDM)
- नikita बिष्ट
- विक्की
- राजेश कुमार
- कमलदास
- और 4 अन्य इंजीनियर एवं कर अधिकारी पहले ही सस्पेंड हो चुके हैं।
विजिलेंस विभाग की जांच
मुख्यमंत्री ने इस मामले को बेहद गंभीरता से लिया और घोटाले की पूरी जांच विजिलेंस विभाग को सौंप दी। इसके साथ ही उन्होंने साफ तौर पर यह संदेश दिया कि अब उत्तराखंड में भ्रष्टाचार से कोई भी बच नहीं पाएगा।
मुख्यमंत्री धामी का बयान
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने इस पर कहा, “न कोई बचेगा, न कोई छिपेगा – अब ‘पद’ नहीं, ‘कर्तव्य’ और ‘जवाबदेही’ होगी प्राथमिकता।” इस कदम से साफ हो गया है कि मुख्यमंत्री धामी सरकार भ्रष्टाचार के खिलाफ एक सख्त रुख अपनाए हुए है और इस मामले में किसी भी दोषी को नहीं बख्शा जाएगा।