Asia Cup 2025: भारत और पाकिस्तान के बीच बढ़ता तनाव अब खेल के मैदान तक पहुंच चुका है। पहलगाम हमले के बाद भारत ने एक बड़ा कदम उठाते हुए एशियन क्रिकेट काउंसिल (ACC) के टूर्नामेंट्स से दूरी बना ली है। भारतीय क्रिकेट बोर्ड (BCCI) ने साफ कर दिया है कि वह न तो जुलाई में होने वाले महिला इमर्जिंग एशिया कप में हिस्सा लेगा और न ही पुरुष एशिया कप 2025 की मेज़बानी या भागीदारी के लिए तैयार है।

क्यों लिया गया ये फैसला?

बीसीसीआई की आपत्ति ACC के मौजूदा अध्यक्ष मोहसिन नकवी को लेकर है, जो पाकिस्तान के आंतरिक मंत्री और पाकिस्तान क्रिकेट बोर्ड (PCB) के चेयरमैन भी हैं। बीसीसीआई अधिकारियों का मानना है कि भारत ऐसे संगठन के टूर्नामेंट्स में भाग नहीं ले सकता, जिसकी कमान पाकिस्तान सरकार के मंत्री के हाथ में हो।

एशिया कप पर मंडराते संकट

2025 एशिया कप, जिसमें भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और अफगानिस्तान जैसे देश शामिल होने वाले थे, अब संकट में है। इस टूर्नामेंट के ब्रॉडकास्टिंग राइट्स Sony ने 170 मिलियन डॉलर में खरीदे थे, लेकिन भारत की गैर-मौजूदगी से न सिर्फ इसकी व्यावसायिक वैल्यू घटेगी, बल्कि अन्य टीमों और ब्रॉडकास्टर्स की रुचि भी कम हो सकती है।

पहले भी टकराव का असर

यह कोई पहली बार नहीं है जब भारत ने पाकिस्तान में टूर्नामेंट खेलने से इनकार किया हो। पिछले साल के एशिया कप में भी भारत ने पाकिस्तान जाकर खेलने से मना कर दिया था और सभी मुकाबले श्रीलंका में कराए गए थे। ICC चैंपियंस ट्रॉफी 2024 में भी भारत ने ‘हाइब्रिड मॉडल’ अपनाया और सभी मैच दुबई में खेले।

ACC की भूमिका और भारत का संदेश

1983 में बने ACC का मकसद एशियाई क्रिकेट को बढ़ावा देना था, लेकिन जब इसके नेतृत्व में पाकिस्तान के मंत्री हैं, तब भारत का बाहर होना सिर्फ एक प्रशासनिक नहीं, बल्कि एक कड़ा कूटनीतिक और भावनात्मक संदेश है।

BCCI के इस कदम से यह साफ हो गया है कि भारत अपनी सुरक्षा और आत्मसम्मान को सर्वोपरि मानते हुए किसी भी तरह की कूटनीतिक नरमी के लिए तैयार नहीं है — चाहे वह क्रिकेट ही क्यों न हो।

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