Banda : अपनी जनता पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष स्वामी प्रसाद मौर्या ने दीपावली और लक्ष्मी पूजा को लेकर एक बार फिर विवादित बयान दिया है। उन्होनें कहा कि धन की लक्ष्मी की पूजा करने से कोई व्यक्ति धनवान या खुशहाल नहीं होता, और पूजा करना केवल दिखावा है। उन्होंने बताया कि दीपावली पर असली हक़दार घर में खुशहाली लाने की पत्नी होती है, माता लक्ष्मी नहीं।
आपको बता दें कि मौर्या ने कहा, “हिन्दू धर्म में आडंबर, छलावा और छुआछूत मौजूद है। भगवान के माथा टेकने से ग़रीबी दूर नहीं होती।” उन्होंने यह भी कहा कि भीड़ में उन पर हमला कराया जाता है, लेकिन इस डर से उन्हें सच बोलना नहीं छोड़ना चाहिए।
दीपोत्सव को लेकर मौर्या ने उठाए सवाल
अयोध्या में दीपावली के अवसर पर लाखों दिए जलाए गए, जबकि आम लोगों के घरों में उजाला नहीं था। यह एक सरकारी नौटंकी है और सरकारी धन का दुरुपयोग है। 26 लाख दिए गरीबों के घरों में बाँटे जाने चाहिए थे।” उन्होंने इसे सरकारी शोभा प्रदर्शन बताया और कहा कि पूर्व सरकारों में धन का दुरुपयोग होता था, तो क्या योगी सरकार को इसका लाइसेंस मिल गया।
मौर्या ने भाजपा सरकार पर भी जमकर हमला किया। उन्होंने कहा कि यूपी में कानून व्यवस्था ध्वस्त हो चुकी है, हत्या के मामले में राज्य नंबर एक बना हुआ है, आदिवासियों और दलितों के साथ भेदभाव और अन्याय फैशन बन गया है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार लोगों की रोज़ी-रोटी और नौकरी छीनने का काम कर रही है और देश को कंगाल बनाने की कोशिश कर रही है।
इसके अलावा उन्होंने पूर्व सांसद आजम खान के बयान का समर्थन किया और कहा कि दिए रोशनी फैलाने का काम करते हैं, लेकिन उन्हें तोड़-मरोड़कर पेश किया जा रहा है। स्वामी प्रसाद मौर्या के इस बयान ने दीपोत्सव और लक्ष्मी पूजा को लेकर नए राजनीतिक और सामाजिक बहस को जन्म दे दिया है।