मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू। | फोटो साभार: स्पेशल अरेंजमेंट

हालांकि राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सहयोगियों ने आंध्र प्रदेश में पिछली वाईएसआर कांग्रेस पार्टी (वाईएसआरसीपी) सरकार द्वारा शुरू की गई स्वयंसेवकों की प्रणाली को बनाए रखने का वादा किया है, और चुनावों के दौरान उनसे अपील की है कि वे इस्तीफा न दें, नहीं तो उन्हें प्रस्तावित बढ़ी हुई मजदूरी से हाथ धोना पड़ सकता है, लेकिन लगभग ढाई लाख स्वयंसेवकों ने अब अपनी नौकरी जारी रखने की उम्मीद छोड़ दी है।

बताया जा रहा है कि उन्हें अपनी ड्यूटी पर न आने के लिए कहा गया है। इसके अलावा, उन्हें पिछले दो महीनों से वेतन भी नहीं मिला है।

हाल ही में सरकार द्वारा जिला कलेक्टरों को दिए गए निर्देशों से उनकी आशंकाएं और बढ़ गई हैं, जिसमें कहा गया है कि स्वयंसेवकों द्वारा बनाए गए व्हाट्सएप और टेलीग्राम समूहों को 5 अगस्त (सोमवार) शाम 5 बजे से पहले हटा दिया जाना चाहिए।

इन सोशल मीडिया समूहों को कथित तौर पर पिछली सरकार के किसी निर्देश के बिना स्वयंसेवकों द्वारा शुरू किया गया है।

नाम न बताने की शर्त पर एक स्वयंसेवक ने बताया, “व्हाट्सएप ग्रुप के ज़रिए हम लोगों को सरकारी योजनाओं की जानकारी देते थे। हमें इसे डिलीट करने और इसका स्क्रीनशॉट वार्ड सचिवालय के कर्मचारियों को देने के लिए कहा गया है। ऐसा लगता है कि हमारी नौकरी खत्म हो गई है। चूंकि इस व्यवस्था को जारी रखने के बारे में कोई स्पष्टता नहीं है, इसलिए हमारे कई साथी गिग वर्कर के तौर पर जुड़ गए हैं।”

चुनाव के दौरान एनडीए नेताओं ने वादा किया था कि वे स्वयंसेवक व्यवस्था को जारी रखेंगे और प्रत्येक स्वयंसेवक का वेतन 5,000 रुपये से बढ़ाकर 10,000 रुपये करेंगे। सत्ता में आने के बाद उन्होंने इस पर कोई बयान नहीं दिया।

इस बीच, ऐसी अफवाहें हैं कि सरकार स्वयंसेवकों की सेवाओं को या तो हटा देगी या सीमित कर देगी।

विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफार्मों पर चल रही अफवाहों को खारिज करते हुए, समाज कल्याण, ग्राम एवं वार्ड सचिवालय और विकलांग कल्याण मंत्री डोला श्री बाला वीरंजनेया स्वामी ने इस प्रणाली को जारी रखने का वादा किया।

डॉ. स्वामी ने स्पष्ट किया, ‘‘तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) चुनाव से पहले स्वयंसेवकों से किए गए वादे पर कायम रहेगी।’’

मंत्री ने कहा, “एनडीए के नेतृत्व वाली सरकार राज्य भर में स्वयंसेवकों के भविष्य के बारे में जिम्मेदारी से काम करेगी और उन्हें सलाह दी कि वे उन अफवाहों पर विश्वास न करें जो उनमें भय पैदा करती हैं।”

उन्होंने आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी नेता ऐसी फर्जी कहानियों के जरिए सरकार के बारे में गलत जानकारी फैला रहे हैं।

मंत्री ने आगे आरोप लगाया कि वाईएसआरसीपी नेताओं ने सरकारी सेवाओं की आड़ में स्वयंसेवी प्रणाली का राजनीतिक इस्तेमाल किया है।

डॉ. स्वामी ने कहा, “चुनाव से पहले उन्होंने स्वयंसेवकों को इस्तीफा देकर उनके लिए काम करने के लिए उकसाया। अब वे स्वयंसेवकों में दहशत पैदा करने के लिए एनडीए सरकार के खिलाफ निराधार कहानियां फैला रहे हैं।”

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