नई दिल्ली – भारत से स्मार्टफोन का निर्यात पहली बार किसी भी वित्तीय वर्ष के पहले 10 महीनों (अप्रैल से जनवरी, FY25) में सबसे बड़ा व्यक्तिगत निर्यात उत्पाद बनकर उभरा है। यह जानकारी वाणिज्य मंत्रालय द्वारा जारी आंकड़ों के आधार पर सामने आई है।

इस अवधि के दौरान भारत से स्मार्टफोन निर्यात $18.31 बिलियन (करीब ₹1.52 लाख करोड़) तक पहुंच गया, जो कि ऑटोमोटिव डीजल फ्यूल के निर्यात ($16.04 बिलियन) से अधिक है। यह उपलब्धि हार्मोनाइज्ड सिस्टम (HS) कोड्स के आधार पर दर्ज की गई है।

विशेषज्ञों का मानना है कि यह उछाल वैश्विक व्यापार में बढ़ती अनिश्चितताओं और अमेरिका में नवंबर 2024 में डोनाल्ड ट्रंप की राष्ट्रपति चुनाव में जीत के बाद शुरू हुई संभावित टैरिफ वॉर की आशंकाओं के बीच देखने को मिली है। कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने इस स्थिति के चलते चीन के बजाय भारत को एक वैकल्पिक विनिर्माण हब के रूप में प्राथमिकता दी है।

मोबाइल फोन निर्माण के क्षेत्र में ‘मेक इन इंडिया’ और पीएलआई (प्रोडक्शन लिंक्ड इंसेंटिव) योजना जैसे सरकारी प्रयासों का भी इस सफलता में अहम योगदान माना जा रहा है। इससे भारत न केवल घरेलू जरूरतें पूरी कर रहा है, बल्कि वैश्विक स्तर पर स्मार्टफोन निर्यातक के रूप में अपनी पकड़ भी मजबूत कर रहा है।

जानकारों के मुताबिक, अगर यही रफ्तार बनी रही, तो आने वाले वर्षों में भारत इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग के क्षेत्र में एक ग्लोबल हब बन सकता है।

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