सुल्तानपुर जिले के धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख का उप चुनाव संपन्न हो गया है। बीजेपी ने बाजी मारते हुए चुनाव जीत लिया है। पार्टी की उम्मीदवार रही पार्वती सरोज ने 42 मतों से विजयी हुई। वहीं समाजवादी पार्टी की उम्मीदवार ऊषा सिंह को महज 39 मत ही मिल पाए, जिसके कारण वह 3 वोटों से चुनाव हार गई और लंबे समय के बाद मायंग परिवार के हिस्से रहने वाली सीट पर बीजेपी ने कब्जा कर लिया है।
मोनू की सदस्या रद्द होने पर हुआ उपचुनाव
दरअसल, पूर्व ब्लाॉक प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू को कोर्ट से सजा सुनाई गई थी, जिसके कारण उनकी सदस्यता रद्द कर दी गई है, जिसके कारण सीट खाली हो गई और उपचुनाव कराया गया। इस दौरान धनपतगंज ब्लॉक की सीट पर पूर्व विधायक चंद्रभद्र सिंह सोनू और पूर्व प्रमुख यशभद्र सिंह मोनू की माँ ऊषा सिंह को समाजवादी पार्टी के टिकट पर चुनाव लड़ाया गया। इस दौरान कुल 81 बीडीसी ने मतदान किया। इस दौरान उन्हें 39 मत मिलने के कारण आजादी के बाद परिवार और करीबियों के पास रहने वाली प्रमुख की सीट छिन गई।
सीट पर परिवार और करीबीयों का रहा कब्जा
गैरतलब है कि भारत की आजादी के बाद से 1984 तक धनपतगंज ब्लॉक प्रमुख की सीट पर यशभद्र सिंह मोनू के बाबा शारदा प्रसाद सिंह का कब्जा रहा। इसके बाद उनके पिता इंद्रभद्र सिंह ने प्रमुख के पद पर कब्जा किया। हालांकि 1989 में इसौली सीट से विधायक बनने पर उन्होंने अपने करीबी आद्या प्रसाद सिंह को ब्लाॉक प्रमुख रहे। इसके बाद इंद्रभद्र सिंह करीबी श्याम सुंदर सिंह ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जीता। वहीं 1999 में सोनू-मोनू की मां ऊषा सिंह ने ब्लॉक प्रमुख का चुनाव जीता।
सोनू-मोनू का किला ढहा
पिता इंद्रभद्र की हत्या के बाद राजनीति में सोनू-मोनू की एंट्री हुई तो साल 2002 में सोनू ने विधायक निर्वाचित हुए तो साल 2005 में मोनू ने ब्लॉक प्रमुख की सीट पर कब्जा किया। इस दौरान वह लगातार 10 साल सीट पर कब्जा बनाए रखे। लेकिन 2015 में अनुसूचित जाति की सीट आने पर वह चुनाव नहीं लड़ पाए। ऐसे में उन्होंने अपने समर्थक जानकी देवी को प्रमुख की सीट दिलवाई। हालांकि साल 2021 में यशभद्र सिंह मोनू एक बार फिर ब्लॉक प्रमुख बने। उस समय उन्हें निर्विरोध चुना गया था। फिलहाल लंबे समय से ब्लॉक प्रमुख सीट पर एकतरफा राज के किला को बीजेपी की पार्वती सरोज ने ढहा दिया।