नई दिल्ली: केंद्र सरकार ने मेट्रो शहरों और “मिलियन-प्लस” आबादी वाले शहरों में जन औषधि केंद्र (Jan Aushadhi Kendra) खोलने के नियमों में ढील दी है। अब इन शहरों में किसी भी दो केंद्रों के बीच न्यूनतम दूरी बनाए रखने की जरूरत नहीं होगी।
यह कदम प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की महत्वाकांक्षी योजना, प्रधान मंत्री भारतीय जन औषधि परियोजना (PMBJP) के तहत जन औषधि केंद्रों की पहुंच बढ़ाने और लोगों को सस्ती जेनरिक दवाइयां उपलब्ध कराने के उद्देश्य से उठाया गया है।
फार्मास्यूटिकल्स एंड मेडिकल डिवाइस ब्यूरो ऑफ इंडिया (PMBI) के 10 सितंबर के दस्तावेज़ में कहा गया है कि दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, बेंगलुरु, हैदराबाद और अहमदाबाद में अब कोई न्यूनतम दूरी लागू नहीं होगी।
मिलियन-प्लस शहरों की छूट
2011 की जनगणना के आधार पर 1 मिलियन से अधिक आबादी वाले 46 शहरों में भी यह राहत लागू होगी। इसमें पुणे, सूरत, जयपुर, कानपुर, लखनऊ, नागपुर, गाजियाबाद, इंदौर, कोयंबटूर और कोच्चि जैसे बड़े शहर शामिल हैं। हालांकि, नए केंद्र जो अभी दो साल पूरे नहीं हुए हैं, उनके लिए अभी भी 1 किलोमीटर की न्यूनतम दूरी बनाए रखने का नियम लागू रहेगा।
छोटे शहरों के लिए नियम यथावत
छोटे शहरों और अन्य शहरी क्षेत्रों में पुराना नियम लागू रहेगा। यानी किसी भी दो जन औषधि केंद्रों के बीच 1 किलोमीटर की दूरी बनाए रखना अनिवार्य है।
छोटे कारोबारियों की चिंताएँ
हालांकि यह बदलाव लोगों के लिए दवाइयों की पहुंच आसान बनाएगा, छोटे व्यवसायियों को चिंता है कि बड़े निवेशक और कॉर्पोरेट समूह कई केंद्र खोलकर उनकी बिक्री घटा सकते हैं। दिल्ली के एक केंद्र के मालिक ने नाम न छापने की शर्त पर कहा, “बड़े ग्रुप्स के कई केंद्र खुलने से हमारी आमदनी और बिक्री पर असर पड़ेगा।”
PMBI के नए CEO सुवासिस दास ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि इस बदलाव को तुरंत लागू किया जाए और नए केंद्रों की मंजूरी इस नीति के अनुसार दी जाए।