डेस्क : एचआईवी/एड्स (HIV/AIDS) एक लाइलाज और जानलेवा बीमारी है, इसलिए इसके प्रति लोगों को जागरूक करने के मकसद से हर साल 1 दिसंबर को विश्व एड्स दिवस यानी वर्ल्ड एड्स डे (World AIDS Day) मनाया जाता है. विज्ञान ने भले ही कितनी ही तरक्की क्यों न कर ली हो, लेकिन अभी तक इस संक्रमण को खत्म करने या इसे रोकने का कोई कारगर इलाज नहीं मिल पाया है. हालांकि कुछ मेडिकल रिपोर्ट्स में इसके उपचार के ट्रायल का जिक्र मिलता है, बावजूद इसके इसे लाइलाज बीमारी ही माना जाता है, इसलिए कहा जाता है कि एचआईवी संक्रमण से बचाव ही इसका सबसे बेहतर इलाज है.
दरअसल, एक्वायर्ड इम्युनोडेफिशिएंसी सिंड्रोम (एड्स) का खतरा वैश्विक स्तर पर बढ़ा हुआ है, जो ह्यूमन इम्यूनोडेफिशिएंसी वायरस (एचआईवी) के कारण होता है. असुरक्षित यौन संबंध के अलावा यह गंभीर बीमारी कई और तरीकों से फैल सकती है.विश्व एड्स दिवस जागरूकता सप्ताह के क्रम में सेंट्रल एकेडमी स्कूल में एड्स जागरूकता कार्यक्रम आयोजित किया गया.कार्यक्रम ओएसटी सिविल अस्पताल हजीरा के बैनर तले आयोजित किया गया.जिसमें पोस्टर मेकिंग प्रतियोगिता भी आयोजित की गई और विजेताओं को प्रमाणपत्र प्रदान किए गए।
सेंट्रल एकेडमी स्कूल में आयोजित एड्स जागरूकता कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ. सचिन श्रीवास्तव (CMHO),डॉ. विजय पाठक,डॉ प्रशांत नायक (Civil Hospital Hazira ) और डॉ रश्मी मिश्रा ( Incharge OST Center Civil Hospital Hazira ) शामिल हुए और अपने विचार व्यक्त किए