Bulandshahr: उत्तर प्रदेश के बुलंदशहर से एक बार फिर ऐसा मामला सामने आया है, जिसने सरकार की नीतियों, प्रशासन की नीयत और आबकारी विभाग की जिम्मेदारी पर सवाल खड़े कर दिए हैं।

थाना खुर्जा नगर कोतवाली क्षेत्र के जेवर अड्डा और बस अड्डे के आसपास मौजूद देशी शराब के ठेकों पर सुबह-सुबह ही शराब बेची जा रही है, वो भी खुलेआम नहीं, बल्कि शटर के नीचे से चोरी-छिपे, जैसे कोई बड़ा जुर्म किया जा रहा हो — पर सच्चाई ये है कि ये जुर्म नहीं, अब “नियमबद्ध धंधा” बन चुका है।

क्या है पूरा मामला?

शराब दुकानों पर सुबह से ही भीड़, लोग शटर के नीचे से पैसों के बदले पव्वा लेते दिखे। जहां ₹75 में बिकने वाली देशी शराब का पव्वा ₹100 में बेचा जा रहा है, यानी साफ काला बाज़ारी। इस सबका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हो चुका है, जिसमें नशे की लत में डूबे लोग और बेधड़क चल रही बिक्री सब साफ देखा जा सकता है।

आबकारी विभाग की मिलीभगत के आरोप लग रहे हैं — सवाल ये है कि सुबह-सुबह बिक रही शराब पर जिम्मेदार अफसर क्यों आंखें मूंदे बैठे हैं? इससे न सिर्फ नियमों की धज्जियां उड़ रही हैं, बल्कि लोगों की जान से भी सीधा खिलवाड़ हो रहा है।

जनता का भरोसा टूटा, जिम्मेदार कौन?

शराब की ये खुली बिक्री कानून और प्रशासन दोनों की नाकामी है। लोग पूछ रहे हैं —”अगर हर सुबह शटर के नीचे से पव्वा बिक सकता है, तो कानून कहां सो रहा है?” अब देखना ये है कि वायरल वीडियो के बाद प्रशासन कोई कार्रवाई करता है या हमेशा की तरह मामला ठंडे बस्ते में डाल दिया जाएगा।

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