Abbas Ansari Supreme Court Relief. उत्तर प्रदेश के मऊ सदर से सुभासित देसी राजनीति के नेता और सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी के विधायक अब्बास अंसारी को सुप्रीम कोर्ट ने गैंगस्टर एक्ट मामले में राहत दी है। शीर्ष अदालत ने उनकी जमानत शर्तों में ढील देते हुए उन्हें राज्य से बाहर जाने की अनुमति दे दी है।
कोर्ट ने स्पष्ट किया है कि अब्बास अंसारी को यात्रा से पहले जांच अधिकारी को अपने ठिकाने और संपर्क नंबर की जानकारी देना अनिवार्य होगा। साथ ही यह सुनिश्चित करना होगा कि उनके खिलाफ चल रहे मामलों की सुनवाई में कोई देरी न हो। जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस जॉयमल्या बागची की बेंच ने यह आदेश शुक्रवार को जारी किया।
सुप्रीम कोर्ट ने यह भी कहा कि आदेश केवल लंबित मामलों पर लागू होगा, जबकि जनता और विकास से जुड़े मुद्दों पर वे अपने विचार व्यक्त कर सकते हैं। बेंच ने यह भी निर्देश दिया कि जहां कोर्ट में शारीरिक उपस्थिति जरूरी है, वहां उन्हें व्यक्तिगत रूप से पेश होना होगा।
सुनवाई के दौरान वरिष्ठ वकील कपिल सिब्बल और निज़ाम पाशा ने अब्बास अंसारी की ओर से पक्ष रखा। उत्तर प्रदेश पुलिस की ओर से एएसजी केएम नटराज ने बताया कि गैंगस्टर एक्ट का ट्रायल अभी चल रहा है और अंसारी को शीर्ष अदालत ने अंतरिम जमानत दी हुई है।
अब्बास अंसारी, दिवंगत बाहुबली नेता मुख्तार अंसारी के पुत्र हैं। उन्हें 4 नवंबर 2022 को अन्य आपराधिक मामलों में हिरासत में लिया गया था और 6 सितंबर 2024 को गैंगस्टर एक्ट में गिरफ्तार किया गया। मामला चित्रकूट के कोतवाली करवी थाने में दर्ज हुआ था। FIR में उनके साथ नवनीत सचान, नियाज अंसारी, फराज खान और शाहबाज आलम खान के नाम भी शामिल हैं। उन पर रंगदारी वसूलने और मारपीट करने के आरोप हैं।
सुप्रीम कोर्ट ने इससे पहले 7 मार्च को अब्बास को 6 सप्ताह की अंतरिम जमानत दी थी। इसके बाद 16 मई को कोर्ट ने राहत देते हुए कहा था कि वे अपने क्षेत्र का दौरा कर सकते हैं, लेकिन राजनीतिक सभाओं में शामिल नहीं होंगे।