Banke Bihari News. सुप्रीम कोर्ट ने आज बांके बिहारी मामले में गोस्वामी परिवार के वकीलों को सख्त लहजे में फटकार लगाई। यह सुनवाई भारत के माननीय मुख्य न्यायाधीश बी आर गवाई, न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति के. विनोद चंद्रन की पीठ के सामने हुई। गोस्वामी पक्ष के वकील ने मामले को फिर से उठाने की कोशिश की, लेकिन पीठ ने उन्हें कड़ी चेतावनी दी और कहा कल ही आपने यह मामला न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति संजय कुमार की पीठ के सामने उठाया था, अब दोबारा यही खेल खेलने की कोशिश मत करो!

कोर्ट की सख्त चेतावनी : अवमानना की कार्रवाई

कोर्ट ने आगे कहा कि अगर गोस्वामी परिवार के वकील इस मामले को किसी अन्य पीठ के सामने फिर से उठाएंगे तो उनके खिलाफ अवमानना की कार्रवाई की जाएगी। राज्य की ओर से वरिष्ठ वकील के. एम नटराज और नवीन पाहवा ने भी कोर्ट में अपनी बात रखी, जिसमें उन्होंने बताया कि गोस्वामी पक्ष ने पहले ही मुख्य न्यायाधीश के सामने सभी मामलों को एक कोर्ट से दूसरे कोर्ट में ट्रांसफर करने की मांग की थी, जो पहले से ही न्यायमूर्ति सतीश शर्मा की पीठ के सामने लिस्टेड था।

गोस्वामी पक्ष के वकीलों का चुप्प रहना

सुप्रीम कोर्ट की सख्त टिप्पणी सुनकर गोस्वामी परिवार के वकील चुप हो गए। कोर्ट ने यह स्पष्ट किया कि वह ऐसी चालबाजी को बर्दाश्त नहीं करेगी और अगर फिर से ऐसा किया गया, तो कड़ी कार्रवाई की जाएगी।

बांके बिहारी मंदिर विवाद : मामला क्या है?

यह मामला बांके बिहारी मंदिर से जुड़ा हुआ है, जिसमें गोस्वामी परिवार और राज्य सरकार के बीच विवाद चल रहा है। यह विवाद मंदिर के कॉरिडोर निर्माण को लेकर है, जिसे लेकर आम जनता की इच्छा है कि इससे दर्शन में सहूलियत मिलेगी। वहीं, प्रभावित पक्ष इस कॉरिडोर से मुआवजा और पुनर्वास की उचित व्यवस्था चाहता है।

सुप्रीम कोर्ट के अधिवक्ता सार्थक चतुर्वेदी का मानना है कि कोर्ट में जल्दी इस मामले की सुनवाई हो सकती है, जिससे स्थिति स्पष्ट हो सके।

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