Desk : सुप्रीम कोर्ट ने ओटीटी (ओवर-दी-टॉप) और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स पर वयस्क सामग्री की उपलब्धता पर केंद्र सरकार को नोटिस जारी किया है। अदालत ने इस गंभीर मुद्दे पर चिंता जताते हुए कहा कि बच्चों तक अश्लील और वयस्क सामग्री पहुंचने का प्रमुख कारण मोबाइल फोन का उपयोग है। माता-पिता बच्चों को व्यस्त रखने के लिए उन्हें मोबाइल फोन देते हैं, लेकिन इसके जरिए न केवल बच्चे इंटरनेट पर समय बर्बाद करते हैं, बल्कि वे अश्लील सामग्री से भी संपर्क में आ जाते हैं।

न्यायमूर्ति बी आर गवई ने कहा कि इस प्रकार की सामग्री पर हस्तक्षेप करना कार्यपालिका और विधायिका का कर्तव्य है, और सरकार को इसे गंभीरता से देखना चाहिए। उन्होंने यह भी उल्लेख किया कि अदालत के पास इस मुद्दे पर कार्रवाई करने का अधिकार नहीं है, यह कार्य सरकार का है।

सुप्रीम कोर्ट में इस मामले की सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत को बताया कि कुछ नियमन जरूर हैं, लेकिन वे अभी भी पर्याप्त नहीं हैं। इसके बाद अदालत ने मामले की जांच करने पर सहमति दी और कहा कि सरकार ओटीटी और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स के नियमन पर विचार कर रही है।

केंद्र सरकार ने इस मुद्दे पर कार्रवाई करने के संकेत दिए हैं, और यह देखा जाना होगा कि भविष्य में इस पर क्या कदम उठाए जाते हैं। अदालत ने यह भी कहा कि वयस्क सामग्री से संबंधित मसले को लेकर कार्यपालिका और विधायिका को मिलकर समाधान निकालना होगा, ताकि बच्चों और समाज पर इसके नकारात्मक प्रभाव को रोका जा सके।

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