मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने तालाबों/पोखरों के मत्स्य पालन हेतु आवंटन में स्थानीयता को वरीयता देने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने पट्टा आवंटन में शुचिता और पारदर्शिता पर जोर देते हुए निर्देश दिए कि मत्स्य पालन के नियमों के सरलीकरण करने की जरूरत बताई। साथ ही कहा कि पट्टा आवंटन की प्रक्रिया ऑनलाइन की जानी चाहिए, इसके लिए विभाग द्वारा पोर्टल तैयार किया जाए।
बड़ी आबादी की आजीविका मत्स्य पालन पर आधारित
सोमवार को मत्स्य मंत्री संजय निषाद की उपस्थिति में मत्स्यजीवी सहकारी संघों के पदाधिकारियों के एक शिष्टमंडल से भेंट करते हुए मुख्यमंत्री ने विभागीय योजनाओं की प्रगति पर भी चर्चा की। उन्होंने कहा कि प्रदेश में एक बड़ी आबादी की आजीविका पारंपरिक रूप से मत्स्य पालन पर आधारित रही है। ऐसे में तालाबों/पोखरों आदि जलाशयों का पट्टा आवंटन करते समय इस समुदाय के स्थानीय लोगों को वरीयता दी जानी चाहिए।
मत्स्य सेक्टर के विकास के लिए सरकार कर रही प्रयास
उन्होंने पट्टा आवंटन के लिए अभियान चलाने पर भी बल दिया और कहा कि पट्टे से प्राप्त धनराशि संबंधित ग्राम पंचायत के आय संवर्द्धन का माध्यम भी बनेगी। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा कि मत्स्य विभाग, मत्स्य सहकारी समितियों तथा मत्स्य बीज विकास निगम को मत्स्य सेक्टर के विकास के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों का सेमिनार, गोष्ठी, परिचर्चा आदि के माध्यम से व्यापक प्रचार-प्रसार करना चाहिए।