Yoga for Migraine:  क्या आपका सिर बार-बार दर्द करता है? माइग्रेन की वजह से काम में मन नहीं लगता? तो शायद अब वक्त आ गया है कि आप सिरदर्द की गोलियों को गुडबाय कहें और योग को हैलो!

भ्रामरी प्राणायाम, जिसे मधुमक्खी श्वास तकनीक भी कहा जाता है, सिर्फ एक साधारण साँस लेने की क्रिया नहीं है—ये आपके दिमाग को ठंडक देने वाला एक शक्तिशाली उपाय है। इस प्राणायाम का नाम ‘भ्रामर’ यानी भंवरा से आता है, और जब आप सांस छोड़ते हैं तो जो आवाज निकलती है, वो भंवरे की भनभनाहट जैसी होती है। यही तो इसकी खासियत है।

माइग्रेन में कैसे काम करता है?

जब आप मध्यम आवाज में भिनभिनाते हुए सांस छोड़ते हैं, तो ये सिर की नसों को शांत करता है। इससे माइग्रेन का दर्द धीरे-धीरे कम होने लगता है। सिर्फ 5-10 मिनट रोजाना भ्रामरी प्राणायाम करने से आप सिरदर्द पर काफ़ी हद तक काबू पा सकते हैं।

हाई ब्लड प्रेशर वालों के लिए वरदान

हाई बीपी से जूझ रहे हैं? तो ये प्राणायाम आपके लिए भी बेहद फायदेमंद है। ये आपकी नसों का तनाव कम करता है और मानसिक दबाव को घटाता है। जब दिमाग शांत होता है, तो शरीर भी बेहतर काम करता है।

फोकस बढ़ाने में मददगार

क्या आपका मन जल्दी भटक जाता है? खासकर बच्चों और छात्रों के लिए भ्रामरी प्राणायाम ध्यान केंद्रित करने की क्षमता बढ़ाता है। इससे याददाश्त भी बेहतर होती है।

भ्रामरी प्राणायाम कैसे करें?

  1. शांत जगह पर बैठ जाएं, आंखें बंद करें।
  2. अपने दोनों हाथों की उंगलियों से हल्के से कान और आंखें ढकें।
  3. मुंह बंद रखें और नाक से गहरी सांस लें।
  4. सांस छोड़ते समय मधुमक्खी जैसी “भिन-भिन” की आवाज करें।
  5. इस अभ्यास को 5 से 10 मिनट रोज करें।

महत्वपूर्ण: इसे सुबह खाली पेट करना सबसे अच्छा रहता है।

अस्वीकरण

यह लेख केवल सामान्य जानकारी के उद्देश्य से है। किसी भी गंभीर स्थिति में डॉक्टर की सलाह जरूर लें।

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