देशभर में चर्चित सहारा ग्रुप पर प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में बड़ी कार्रवाई करते हुए दो आरोपियों को गिरफ्तार किया है। ईडी कोलकाता ज़ोनल ऑफिस ने यह कार्रवाई करते हुए सहारा ग्रुप के चेयरमैन कोर मैनेजमेंट के कार्यकारी निदेशक अनिल वैलापारंपिल अब्राहम और प्रॉपर्टी ब्रोकर जितेन्द्र प्रसाद वर्मा को हिरासत में लिया है। दोनों पर बेनामी सौदों के ज़रिए सहारा की संपत्तियां बेचने, अघोषित नकदी के लेनदेन और अपराध से अर्जित धन (POC) को छुपाने जैसे गंभीर आरोप हैं।

छापे में करोड़ों की नकदी और हजारों एकड़ जमीन का खुलासा

ईडी की जांच में खुलासा हुआ है कि आरोपियों के कब्जे से 2.98 करोड़ रुपये नकद, और 3,131 एकड़ से अधिक जमीन का दस्तावेज़ मिला है। इनमें अंबी वैली और सहारा प्राइम सिटी की संपत्तियां भी शामिल हैं।

500 से ज़्यादा FIR, पोंज़ी स्कीम से लाखों निवेशकों से ठगी

सहारा ग्रुप पर पहले से ही 500 से ज्यादा एफआईआर दर्ज हैं। आरोप है कि कंपनी ने पोंज़ी स्कीम के नाम पर लाखों निवेशकों से पैसे जुटाए, फिर उसे फर्जी दस्तावेजों के सहारे निजी संपत्तियों में बदल दिया। कई निवेश रसीदें और अकाउंट बहीखाते फर्जी पाए गए।

कोर्ट ने 14 जुलाई तक ED रिमांड पर भेजा

गिरफ्तार दोनों आरोपियों को कोर्ट में पेश किया गया, जहां से उन्हें 14 जुलाई 2025 तक ईडी की रिमांड पर भेज दिया गया है। दोनों पर धारा 420 (धोखाधड़ी), 120B (आपराधिक साजिश) और PMLA (मनी लॉन्ड्रिंग निवारण अधिनियम) के तहत मामला दर्ज किया गया है।

ईडी की जांच जारी

ईडी सूत्रों के मुताबिक इस केस में और भी नाम सामने आ सकते हैं। जांच एजेंसी अब उन कंपनियों और व्यक्तियों की भी पड़ताल कर रही है जो इस संदिग्ध लेनदेन में शामिल हो सकते हैं।

शेयर करना
Exit mobile version