उत्पादन से जुड़ी प्रोत्साहन (पीएलआई) योजनाओं को बढ़ावा देने के लिए सरकार कपड़ा और फार्मा जैसे क्षेत्रों से संबंधित कुछ योजनाओं में आमूलचूल परिवर्तन करने तथा प्रोत्साहन भुगतान तिमाही आधार पर करने पर विचार कर रही है। यह जानकारी अधिकारियों ने दी।

प्रोत्साहन दावों के प्रसंस्करण में होने वाले विलंब को कम करने के लिए सरकार प्रोत्साहनों का त्रैमासिक वितरण करने पर विचार कर रही है।

वर्तमान में, अधिकांश योजनाओं में प्रोत्साहन वार्षिक होते हैं।

परिणामस्वरूप, वर्ष के अधिकांश समय में कोई प्रगति नहीं दिखती।

योजनाओं के विकास और प्रगति के समन्वय का कार्य संभाल रहे उद्योग विभाग ने अन्य विभागों को भी इसमें शामिल होने के लिए कहा है।

वर्ष 2023-24 के दौरान सरकार के 11,000 करोड़ रुपये के अनुमान की तुलना में 6,800 करोड़ रुपये वितरित किये जा चुके हैं।

मामले से अवगत अधिकारियों ने बताया कि रोजगार सृजन के सरकार के प्रयासों के तहत परिधान, खिलौने और जूते जैसे श्रम-प्रोत्साहन क्षेत्रों के लिए भी नई योजनाएं शुरू की जा रही हैं।

उन्होंने कहा, ‘‘नई पीएलआई योजनाओं के शुभारंभ का समय अभी तय नहीं किया गया है।

उपरोक्त उल्लेखित व्यक्तियों में से एक ने बताया, “नई योजनाओं के साथ-साथ मौजूदा योजना में (प्रस्तावित) बदलावों के लिए एक कैबिनेट नोट तैयार किया जा रहा है।”

उद्योग एवं आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग को ईमेल के माध्यम से भेजे गए प्रश्नों का समाचार लिखे जाने तक कोई उत्तर नहीं मिला।

वर्ष 2020-21 और 2021-22 में मोबाइल, ड्रोन, दूरसंचार, कपड़ा, ऑटोमोबाइल, श्वेत वस्तुएं और फार्मास्युटिकल दवाओं सहित 14 क्षेत्रों के लिए पीएलआई योजनाएं शुरू की गईं।

हालांकि, प्रगति असमान रही है। बड़े पैमाने पर इलेक्ट्रॉनिक्स विनिर्माण की योजना, जो मुख्य रूप से स्मार्टफोन पर केंद्रित है, सबसे सफल रही है, जिसने पिछले दो वर्षों में निर्यात में तेज उछाल को बढ़ावा दिया है।

दूसरी ओर, सरकार ने माना है कि फार्मास्यूटिकल्स, दूरसंचार, खाद्य उत्पाद, ड्रोन जैसे क्षेत्रों में प्रगति काफी हद तक पटरी पर है, जबकि इस्पात, कपड़ा, बैटरी और ऑटोमोबाइल जैसे कुछ क्षेत्रों में प्रगति अपेक्षा से धीमी है।

उदाहरण के लिए, निजी कंपनियों की ओर से ठंडी प्रतिक्रिया के कारण, कपड़ा मंत्रालय अधिक उत्पाद श्रृंखलाएं जोड़कर अधिक लचीलापन प्रदान करके पीएलआई योजना को आकर्षक बनाने पर जोर दे रहा है।

सरकार को उम्मीद है कि इस बदलाव से अधिक आवेदन और निवेश प्रस्ताव प्राप्त होंगे।

थोक दवाओं के लिए पीएलआई के मामले में दिशानिर्देशों में कुछ बदलाव अपेक्षित हैं और योजना की अवधि 2027-28 से बढ़ाकर 2028-29 की जा सकती है।

उपरोक्त अधिकारियों में से एक ने बताया कि इन सभी परिवर्तनों के लिए मंत्रिमंडल की मंजूरी की आवश्यकता होगी।

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