पीएमके नेता अंबुमणि ने राज्य सरकार से दिव्यांग व्यक्तियों को नौकरी देने का आग्रह किया है। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि विकलांग व्यक्तियों के अधिकार अधिनियम, 2016 के बावजूद, जो विकलांग व्यक्तियों के लिए 4% सरकारी नौकरियां आरक्षित करता है, कई पद खाली हैं।
अंबुमणि ने बताया कि तमिलनाडु सरकार ने घोषणा की थी कि वह विशेष भर्ती अभियान के माध्यम से एक वर्ष के भीतर विकलांग व्यक्तियों के लिए सभी बैकलॉग रिक्तियों को भर देगी। हालाँकि, उन्होंने इस बात पर अफसोस जताया कि घोषणा और उसके बाद का सरकारी आदेश कागजों पर ही रह गया है।
उन्होंने सरकार से रिक्तियों की फिर से समीक्षा करने और दिव्यांग व्यक्तियों को अधिक नौकरियां प्रदान करने का आग्रह किया। अंबुमणि ने यह भी मांग की कि सरकार नियमों में ढील दे और दो साल से अधिक समय से अस्थायी आधार पर काम कर रहे दिव्यांग व्यक्तियों को स्थायी रोजगार प्रदान करे।
तमिलनाडु सरकार ने 2017 में विकलांग व्यक्तियों के लिए आरक्षण को 3% से बढ़ाकर 4% कर दिया था। हालांकि, अंबुमणि ने बताया कि कई सरकारी विभागों ने आरक्षण को ठीक से लागू नहीं किया है, जिसके परिणामस्वरूप विकलांग व्यक्तियों के लिए नौकरी के अवसरों की कमी हो गई है।
अंबुमणि की मांग ऐसे समय में आई है जब दिव्यांग व्यक्तियों को समान अवसर प्रदान करने की आवश्यकता बढ़ रही है। तमिलनाडु सरकार को बैकलॉग रिक्तियों को भरने और दिव्यांग व्यक्तियों को नौकरी के अधिक अवसर प्रदान करने के लिए ठोस कदम उठाने चाहिए।