नई दिल्ली। जैसे ही हम सेवा, सुशासन और गरीब कल्याण के 11 वर्षों का पड़ाव पार कर रहे हैं, भगवद गीता का एक श्लोक स्मरण में आता है— “न हि कश्चित्क्षणमपि जातु तिष्ठत्यकर्मकृत्” (अध्याय 3, श्लोक 5)। इसका भाव है कि कोई भी क्षणभर भी निष्क्रिय नहीं रह सकता, क्योंकि कर्म अवश्यंभावी है। गीता यह भी सिखाती है कि सर्वोत्तम कर्म वही है जो निष्काम सेवा के रूप में किया जाए। यही भावना प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में स्पष्ट रूप से परिलक्षित होती है—जहां उन्होंने स्वयं को राष्ट्र की सेवा में पूर्णतः समर्पित कर दिया।

गुजरात से दिल्ली तक का प्रेरणादायक नेतृत्व
एक साधारण परिवार में जन्मे नरेंद्र मोदी ने गरीबी को न केवल देखा, बल्कि जिया। गुजरात के मुख्यमंत्री के रूप में उन्होंने ‘संविधान गौरव यात्रा’ निकालकर संविधान को लोकचेतना से जोड़ा। प्रधानमंत्री बनने के बाद 26 नवम्बर को ‘संविधान दिवस’ घोषित किया, जिससे नागरिकों में संवैधानिक मूल्यों की समझ और सम्मान जागृत हुआ।

‘वाइब्रेंट गुजरात समिट’ ने राज्य को वैश्विक निवेश का केंद्र बनाया। CM रहते हुए शुरू की गई ‘स्वागत’ प्रणाली ने जनशिकायतों के समाधान में पारदर्शिता लाई, जिसे आगे चलकर ‘PRAGATI’ पोर्टल के रूप में राष्ट्रीय स्तर पर लागू किया गया।

गरीब कल्याण और सुशासन की नई परिभाषा
2014 से अब तक मोदी सरकार ने शासन को घर-घर तक पहुंचाया। स्वच्छ भारत मिशन के तहत 12 करोड़ से अधिक शौचालयों का निर्माण हुआ, जिससे ग्रामीण महिलाओं को गरिमा और सुरक्षा मिली। जन धन योजना के माध्यम से 53 करोड़ बैंक खाते खोले गए, जिनमें 55% महिलाओं के हैं। LPG सब्सिडी में पारदर्शिता आई और 3.34 करोड़ फर्जी खाते हटाए गए।

प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत 4 करोड़ पक्के घर बनाए गए, और 81 करोड़ लोगों को मुफ्त अनाज योजना से लाभ मिला। पीएम किसान योजना के तहत 11 करोड़ किसानों को ₹3.7 लाख करोड़ की सीधी सहायता मिली, जिससे किसानों की आर्थिक स्थिति में सुधार आया।

महिला सशक्तिकरण और शिक्षा क्रांति
‘नारी शक्ति वंदन अधिनियम’ के तहत लोकसभा और विधानसभाओं में महिलाओं को 33% आरक्षण मिला। ‘कन्या केलवणी’ और ‘गुणोत्सव’ जैसे अभियानों ने गुजरात में महिला शिक्षा को बढ़ावा दिया। देशभर में महिला साक्षरता और बालिका अनुपात में सुधार हुआ।

NEP 2020 ने मातृभाषा में शिक्षा और कौशल विकास पर जोर दिया। AIIMS की संख्या 7 से 23 हुई, IITs और IIMs का विस्तार हुआ।

युवाओं के लिए अवसर, राजनीति में समावेशन
PM ने ‘नया भारत’ बनाने की यात्रा में युवाओं को भागीदार बनाया। ‘परीक्षा पे चर्चा’, ‘हैकाथॉन’ और ‘कोडिंग’ जैसे अभियानों ने युवाओं में नवाचार को बढ़ावा दिया। प्रधानमंत्री की सोच से राजनीति में नई पीढ़ी के नेताओं को स्थान मिला—जिसमें खुद मेरा, वडोदरा से एक गैर-राजनीतिक पृष्ठभूमि से आने के बाद, सांसद बनना संभव हुआ।

डिजिटल भारत और आत्मनिर्भरता की ओर
UPI लेनदेन ₹24 लाख करोड़ को पार कर गया। DBT के माध्यम से ₹44 लाख करोड़ सीधे लाभार्थियों तक पहुंचे। 5G सेवा 99.6% जिलों में शुरू हुई। रक्षा क्षेत्र में आत्मनिर्भरता को बढ़ावा मिला—‘पृथ्वी’, ‘अकाश’, ‘ब्रह्मोस’ जैसी स्वदेशी प्रणालियाँ सेना की ताकत बनीं।

वैश्विक नेतृत्व और सांस्कृतिक गौरव
2023 में भारत ने G20 की अध्यक्षता ‘वसुधैव कुटुम्बकम्’ की भावना से की। योग को वैश्विक पहचान दिलाई—UN ने 21 जून को ‘अंतरराष्ट्रीय योग दिवस’ घोषित किया। काशी विश्वनाथ कॉरिडोर, राम मंदिर, महाकाल लोक जैसे प्रकल्पों से सांस्कृतिक धरोहर को आधुनिकता से जोड़ा गया।

राष्ट्रीय सुरक्षा: निर्णायक और स्पष्ट दृष्टिकोण
सर्जिकल स्ट्राइक, बालाकोट एयर स्ट्राइक और ऑपरेशन सिंदूर जैसे अभियानों से आतंकवाद पर करारा प्रहार किया गया। अनुच्छेद 370 हटाकर कश्मीर को मुख्यधारा से जोड़ा गया। भारत की रक्षा निर्यात ₹23,622 करोड़ तक पहुंचे।

एक भारत, श्रेष्ठ भारत की ओर
प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन चुका है। हर वर्ग—गरीब, युवा, महिला और किसान—इस परिवर्तन का हिस्सा और लाभार्थी है।

प्रधानमंत्री मोदी, एक सच्चे कर्मयोगी के रूप में, भारत की 140 करोड़ जनता के सपनों को एक सूत्र में पिरोकर, ‘विकसित भारत’ की ओर राष्ट्र को अग्रसर कर रहे हैं। यह यात्रा न केवल विकास की है, बल्कि विरासत के संरक्षण, सामाजिक समावेशन और राष्ट्रीय गौरव की भी है।

CM Yogi In Ghazipur : ''आज गाजीपुर को नई पहचान मिल रही है'',सीएम योगी ने ऐसा क्यों कहा ?

शेयर करना
Exit mobile version