अयोध्या : मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को आंजनेय सेवा संस्थान में 13वें सरयू जयंती महोत्सव का भव्य शुभारंभ किया। इस अवसर पर उन्होंने प्रदेश के सभी जिलाधिकारियों को निर्देश दिया कि वे अपने-अपने जिले की एक नदी को पुनर्जीवित करें। मुख्यमंत्री ने कहा, “नदियां रहेंगी तभी धरती माता, पर्यावरण और जीव-जंतु सुरक्षित रहेंगे।” उन्होंने नदियों के संरक्षण के लिए नाले, सीवर और मरे हुए जानवरों को नदियों में न फेंकने तथा नदियों के किनारे पौधरोपण अभियान चलाने पर भी जोर दिया। इस वर्ष प्रदेश में 35 करोड़ पौधों का रोपण नदियों के किनारे किया जाएगा।

मुख्यमंत्री ने मां सरयू और मां गंगा के महत्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि भगवान राम ने अयोध्या का जिक्र करते हुए मां सरयू का उल्लेख किया है, जो अयोध्या की आत्मा है। साथ ही उन्होंने मां गंगा के अवतरण के लिए भगवान भगीरथ की तपस्या का भी स्मरण किया। मुख्यमंत्री ने प्रयागराज महाकुंभ जैसे महोत्सवों को भारत की सांस्कृतिक और आध्यात्मिक शक्ति का परिचायक बताया।

योगी आदित्यनाथ ने अयोध्या के विकास को गौरवशाली बताते हुए कहा कि दस साल पहले असंभव जो था, वह अब संभव हो चुका है। आज अयोध्या में चार-लेन, छह-लेन सड़कें, वाटर एटीएम, अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डा और देश की पहली सोलर सिटी मौजूद है। उन्होंने कहा कि सूर्यवंश की राजधानी का सोलर सिटी बनना गर्व की बात है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश अब नए भारत का प्रतीक बन चुका है, जहां अपराधमुक्त माहौल, रोजगार और सांस्कृतिक उन्नति हो रही है। पहले यूपी का नाम सुनकर लोग नाक-भौं सिकोड़ते थे, आज यह गौरव का विषय है।

पर्यावरण संरक्षण और आपदा प्रबंधन के महत्व पर बल देते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि नदियों के संरक्षण से ही प्राकृतिक आपदाओं को रोकने में मदद मिलेगी।

इस मौके पर कैबिनेट मंत्री सूर्य प्रताप शाही, महंत अवधेश दास, महापौर महंत गिरीशपति त्रिपाठी समेत कई धार्मिक और राजनीतिक गणमान्य उपस्थित थे।

सीएम योगी ने राम मंदिर में देव विग्रहों की प्राण प्रतिष्ठा के पावन अवसर पर देश-विदेश के सनातन धर्मावलंबियों को शुभकामनाएं दी और अयोध्या के सांस्कृतिक पुनर्जागरण की सराहना की। उन्होंने कहा, “अयोध्या आज नए युग की शुरुआत का साक्षी बन रही है।

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