UP Government Initiative. उत्तर प्रदेश सरकार ने सड़क हादसों में घायल व्यक्तियों की मदद करने वालों को ‘राह-वीर’ के रूप में सम्मानित करने और 25,000 रुपये का पुरस्कार देने की घोषणा की है। यह योजना सोमवार से गौतमबुद्ध नगर में भी लागू हो गई है और इसका उद्देश्य आम लोगों को बिना किसी डर या झिझक के घायलों को समय पर अस्पताल या ट्रॉमा सेंटर तक पहुंचाने के लिए प्रेरित करना है।

क्या है ‘राह-वीर’ योजना?

इस योजना के तहत, जो भी व्यक्ति सड़क हादसे के बाद घायल को “गोल्डन ऑवर” (हादसे के एक घंटे के भीतर) के भीतर अस्पताल पहुंचाएगा, उसे उत्तर प्रदेश सरकार की ओर से सम्मान-पत्र और 25,000 रुपये का पुरस्कार दिया जाएगा। सरकार ने स्पष्ट किया है कि अगर घायल व्यक्ति इलाज के दौरान मृत्यु को प्राप्त हो जाता है, तो भी उसे सम्मानित किया जाएगा, बशर्ते अस्पताल यह पुष्टि करे कि मौत का कारण सड़क हादसा था।

सड़क हादसों में मदद से जुड़ी झिझकें

एआरटीओ (प्रवर्तन) डॉ. उदित नारायण पांडेय ने कहा कि अक्सर लोग पुलिस पूछताछ या अन्य कानूनी झंझटों के डर से घायलों की मदद करने से कतराते हैं। इस योजना का उद्देश्य इन चिंताओं को दूर करना और लोगों को सड़क पर घायल पड़े व्यक्तियों की मदद करने के लिए प्रोत्साहित करना है।

समाज में बढ़ेगी जिम्मेदारी की भावना

डॉ. पांडेय ने कहा हर एक मिनट किसी घायल की जान बचाने में अहम होता है, और आम लोगों की मदद से सैकड़ों जानें बचाई जा सकती हैं। इस योजना के माध्यम से सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि मदद करने वालों को किसी प्रकार की कानूनी परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा, बल्कि उन्हें समाज में ‘राह-वीर’ के रूप में पहचान और सम्मान मिलेगा।

गंभीर सड़क दुर्घटनाएं

गंभीर सड़क दुर्घटना को उस स्थिति में माना जाएगा, जिसमें घायल को बड़ी सर्जरी करनी पड़े, वह तीन दिन से ज्यादा अस्पताल में भर्ती रहे, मस्तिष्क या रीढ़ की हड्डी में गंभीर चोट हो, या इलाज के दौरान उसकी मौत हो जाए।

यह योजना मानवीय संवेदनाओं और जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने के लिए लायी गई है। सरकार का उद्देश्य है कि आम लोग सड़क पर घायल पड़े व्यक्तियों को नजरअंदाज न करें, बल्कि मदद के लिए तत्पर रहें।

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