Engineer Rashid in lok Sabha. संसद के मानसून सत्र में ऑपरेशन सिंदूर पर चर्चा के दौरान बारामूला से सांसद इंजीनियर रशीद ने लोकसभा में अपनी बात रखी। तिहाड़ जेल में बंद इंजीनियर रशीद को कोर्ट से 24 जुलाई से 4 अगस्त तक कस्टडी पैरोल दी गई है ताकि वह संसद सत्र में भाग ले सकें। रशीद ने कश्मीरियों की पीड़ा और कश्मीर के मुद्दे पर अपने विचार व्यक्त किए और सवाल उठाए कि भारतीय नेतृत्व इस समस्या को कैसे हल करेगा।

नेहरू और पाकिस्तान के सवालों का जिक्र

इंजीनियर रशीद ने कहा, कांग्रेस से मेरी गुजारिश है कि पंडित जवाहरलाल नेहरू पर जो बड़ी बातें की जा रही हैं, उस पर विचार करें। बेशक, नेहरू जी हमारे पहले प्रधानमंत्री थे, लेकिन क्या उन्होंने भारत को एकता की भावना से जोड़ा? रशीद ने कहा कि नेहरू, जिन्ना, गांधी जी, सरदार पटेल आदि नेताओं ने भारत को एक साथ रखने की कोशिश की, लेकिन अंत में उन्होंने तीन हिस्से बना दिए, भारत, पाकिस्तान, और बांग्लादेश। रशीद ने कश्मीरियों की दर्दनाक स्थिति पर चिंता जताई और पूछा, “हमारे खून का जवाब कौन देगा?”

पहलगाम हमले की कड़ी आलोचना

रशीद ने पहलगाम में हुए आतंकी हमले को पूरी इंसानियत का कत्ल बताते हुए कहा कि “यह कोई सामान्य हमला नहीं था, बल्कि एक ऐसा कृत्य था, जो मानवता के खिलाफ था।” उन्होंने कहा कि राज्य सरकार और केंद्र सरकार कश्मीरियों के दर्द और संघर्ष को नहीं समझ पा रही हैं।

ट्रंप की मध्यस्थता पर सवाल

रशीद ने कहा, आप ट्रंप-ट्रंप कर रहे हैं, लेकिन कश्मीर मसले का हल सिर्फ और सिर्फ जम्मू कश्मीर के लोगों के पास है, न कि किसी तीसरे पक्ष के पास। उन्होंने यह भी कहा कि हिंदू राष्ट्र बनाने की जल्दी है, लेकिन कश्मीर की सांस्कृतिक पहचान और डेमोग्राफी से छेड़छाड़ न की जाए।

कश्मीरियों के दर्द और संघर्ष का जिक्र

इंजीनियर रशीद ने कहा, हम कश्मीरियों से ज्यादा पहलगाम हमले में मारे गए परिवारों का दर्द समझ सकते हैं, क्योंकि हमने 1989 से ऐसे हजारों लोग खो दिए हैं। कश्मीर में जितनी तबाही हुई है, वो हमसे बेहतर कोई नहीं समझ सकता। हमने कब्रिस्तान देखे हैं और लाशें उठाते-उठाते हम थक चुके हैं।”

आतंकवाद और कश्मीरियों के दिलों का सवाल

रशीद ने सरकार से सवाल किया कि आतंकवाद को खत्म कैसे किया जाएगा? आपको कश्मीरियों के दिल जीतने होंगे, उन्होंने कहा। रशीद ने आरोप लगाया कि सरकार और विपक्ष ने कश्मीरियों के लिए कभी कुछ नहीं कहा और पूछा, आपको कश्मीर की ज़मीन चाहिए या कश्मीर के लोग? उन्होंने यह भी कहा कि अगर आतंकवाद को समाप्त करना है तो कश्मीरियों के दिल में विश्वास जगाना होगा।

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