संभल में हुई हिंसा का मामला इन दिनों सुर्खियों में बना हुआ है। मामले में दो पक्ष हैं दोनों पक्षों की अपनी-अपनी दलीलें हैं। एक तरफ शाही जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि वहां पहले हरिहर मंदिर था। जिसमें ढांचे के स्वरूप को पूरा ही बदल दिया गया फिर वहां मस्जिद बनाई गई। जब कोर्ट में ये मुद्दा पहुंचा तो कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में जांच के आदेश दे दिये गए और 29 नवंबर तक रिपोर्ट मंगाई गई। 19 नवंबर को आदेश जारी किए जाने के बाद कोर्ट कमिश्नर के नेतृत्व में टीम संभल जामा मस्जिद पहुंची सर्वे किया गया। 24 तारीख को जब सर्वे के लिए टीम पहुंची तो बड़ी संख्या में लोग मस्जिद के पास जुट गए। इसी के बाद आगजनी और पुलिस प्रशासन पर पथराव की घटना सामने आई।

ओवैसी ने उठाए सवाल

AIMIM लीडर असदुद्दीन ओवैसी ने संभल शाही जामा मस्जिद के मामले में सेक्शन 3 और 4 का हवाला देते हुए कहा कि वहां पर प्रशासन खुदाई करवाकर क्या साबित करना चाहता है। इतना ही नहीं ओवैसी ने सेक्शन 3 और 4 का उल्लेख कर ये भी कहा कि 15 अगस्त 1947 के हिसाब से जिस धर्म का धार्मिक स्थल जिस स्वरूप और प्रारूप में होगा उससे छेड़ छाड़ नहीं की जाएगी। फिर खुदाई क्यों की जा रही है। ये पूरी तरह से बेबुनियाद है।

विष्णु शंकर जैन ने दिया जवाब

ओवैसी के सवालों का जवाब देते हुए। विष्णु शंकर जैन ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी का सवाल फेक्चुअली गलत है। उन्होंने कहा कि खुदाई हो रही है, ऐसा आदेश है, जबकि मस्जिदों के मामले में ऐसा कुछ भी नहीं हुआ है। विष्णु जैन ने कहा कि असदुद्दीन ओवैसी दिखाएं, कोर्ट ने खुदाई का आदेश कहां दिया है। अगर वह दिखा देते हैं तो मैं उनसे माफी मांग लूंगा। विष्णु जैन ने कहा कि ज्ञानवापी में जो आदेश था, उसे हाई कोर्ट और सुप्रीम कोर्ट ने मॉडिफाई कर दिया। मथुरा श्रीकृष्ण जन्मभूमि मामले में खुदाई का कोई आदेश नहीं है। भोजशाला मामले में खुदाई का कोई आदेश नहीं है। आप खुदाई से जुड़े बयानों से क्या साबित करना चाहते हैं? इस प्रकार के बयान अफवाह फैलाने वाले होते हैं। असदुद्दीन ओवैसी बैरिस्टर हैं। बता दें कोर्ट ने कहां दिया खुदाई का आदेश।

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