चिनहट पुलिस ने एक ऐसी मर्डर मिस्ट्री का खुलासा किया है, जिसकी कहानी किसी फिल्मी स्क्रिप्ट से कम नहीं है। पति और ससुर ने साथियों की मदद से मटियारी में महिला को कार से कुचल कर मार डाला और हत्या को सड़क हादसा बता चिनहट थाने में रिपोर्ट दर्ज करवाई। साथ ही बीमा कंपनी में महिला के इंश्योरेंस के 50 लाख रुपये का क्लेम कर दिया। बीमा कंपनी को घटनाक्रम पर शक हुआ तो पुलिस से शिकायत की। चिनहट पुलिस की जांच में सारा खेल खुल गया। पुलिस ने मंगलवार को मामले के मुख्य साजिशकर्ता, फर्जी चालक और वकील को चिनहट इलाके से गिरफ्तार किया है। पति, ससुर और चार पहिया वाहन से महिला को कुचल कर हत्या करने वाले को पुलिस तलाश रही है।
मकान बनाने आया था, जल्द बनना चाहता था अमीर :
अयोध्या का रहने वाला राम मिलन राज मिस्त्री है। वह अयोध्या से लखनऊ मकान बनाने के लिए आया था। वह परिवारीजनों के साथ चिनहट स्थित मटियारी में ही बस गया। इस दौरान उसकी मुलाकात रियल एस्टेट का काम करने वाले चिनहट निवासी कुलदीप से हुई। वह भांप गया था कि राम मिलन जल्दी अमीर बनना चाहता है। उसने राम मिलन को पूरी योजना बताई और बेटे अभिषेक की शादी करने को कहा। राम मिलन ने अयोध्या में अपनी ससुराल में बेटे की शादी के लिए पूजा नाम की लड़की को खोजा। इसके बाद कुलदीप ने अभिषेक की शादी वर्ष 2021 में पूजा (28) से करवा दी।
पूर्व योजना के तहत करवाया बीमा:
डीसीपी पूर्वी शशांक सिंह ने बताया कि साजिश को बिना किसी गलती के पूरा करने के लिए वकील आलोक निगम को सलाह देने के लिए शामिल किया गया। अभिषेक शुक्ला को चार पहिया वाहन से पूजा को कुचल कर उसकी हत्या करने और दीपक वर्मा को सड़क हादसे की जिम्मेदारी लेने के लिए तैयार किया गया । इसके बाद योजना के तहत पूजा का 50 लाख रुपये का लाइफ इंश्योरेंस करवाया गया। इंश्योरेंस में ससुराल पक्ष के लोगों को ही नॉमिनी रखा गया। 10 लाख का लोन भी लिया गया। इसके अलावा चार पहिया और दो पहिया वाहन भी फाइनैंस करवाए गए। लोन का भी इंश्योरेंस करवाया गया था।
दोस्त से गोंडा जाने के लिए ली कार से की वारदातः
आरोपितों ने एक दोस्त से कार गोंडा जाने के लिए ली। कार अभिषेक चला रहा था। योजना के तहत पूजा को 19 मई 2024 को मटियारी इलाके में ले जाया गया, वहां सुनसान इलाके में उसको कुचल कर उसकी हत्या कर दी। इसके बाद राम मिलन ने चिनहट पुलिस को सूचना दी कि सड़क हादसे में पूजा की मौत हो गई। आरोपितों ने हादसे वाले कार नंबर भी पुलिस को बताया था। 20 मई को आरोपित पंचायत नामे के गवाह बन गए। पुलिस ने सड़क हादसे में रिपोर्ट दर्ज कर मामले की जांच शुरू की। जांच में इंदिरानगर निवासी दीपक ने पुलिस को बताया कि वह गाड़ी चला रहा था। उसी से हादसा हुआ था।
सीडीआर और आरोपितों के विरोधाभाषी बयान ने खोला खेल :
इंस्पेक्टर चिनहट अश्वनी कुमार चतुर्वेदी ने बताया कि मामले की जांच दोबारा शुरू की गई। घटना के दिन की सीडीआर निकाली गई। । घटना के दिन भी 6 आरोपित एक दूसरे से लगातार बात कर रहे थे। उनकी लोकेशन घटनास्थल के आसपास ही मिली। इसे बाद पुलिस ने एक- एक करके आरोपितों से पूछताछ की। आरोपितों के बयान हादसे के संबंध में अलग-अलग थे। इसके बाद अन्य तथ्यों को लेकर भी अन्य आरोपितों के बयान मेल नहीं खा रहे थे।
सख्ती करने पर सच बयान किया:
पुलिस ने पकड़े गए आरोपितों मुख्य साजिशकर्ता प्रॉपर्टी डीलर कुलदीप सिंह, फर्जी सरेंडर करने वाले चालक दीपक वर्मा और वकील आलोक निगम से कड़ाई से पूछताछ की तो उन्होंने पूरी कहानी बयां कर दी। आरोपितों ने पुलिस को यह भी बताया उन्हें पूजा के बीमा के 10 लाख रुपये उन लोगों को मिले थे, जिसे आपस में बांट लिया है। इस मामले में आरोपित ससुर राम मिलन, पति अभिषेक और कार से कुचल कर हत्या करने का आरोपित अभिषेक शुक्ला फरार हैं। पुलिस उनकी तलाश कर रही है। आरोपितों से दो चार पहिया वाहन और एक दो पहिया वाहन बरामद किया गया है।