Gorakhpur: यूपी सरकार के ‘नारी सुरक्षा’ के दावों को एक बार फिर धूल चटाती गोरखपुर की वहशी घटना – जहाँ दिव्यांग बेटी को निर्दय दरिंदों ने गाँव से बाहर ले जाकर सामूहिक रेप का शिकार बनाया। गोरखपुर के सहजनवा क्षेत्र के एक गांव में हैवानियत हैवानियत की हद तो तब हो गई जब दिव्यांग किशोरी के साथ दरिंदों ने रोप किया। जानवरों की तरह हरकत करने वाले दरिंदों ने न सिर्फ उसकी इज्ज़त लूटी, बल्कि उसे अर्धनग्न अवस्था में छोड़कर फरार हो गए।
पीड़िता की कराहते हुए मिली, ग्रामीणों ने आरोपी को ढूंढ़ पकड़ा
जब पीड़िता लंबे समय तक घर नहीं लौटी, तो परिजनों ने खोजबीन शुरू की। तभी उन्हें गांव के बाहर बुरी हालत में पड़ी किशोरी मिली। उसकी दर्द भरी आवाज सुनकर ग्रामीणों का खून खौल उठा। सूचना मिलते ही गांव के लोग जुट गए और एक आरोपी को पकड़कर उसकी खूब धुनाई की। मार के हालत बिगड़ने पर पुलिस ने उसे ग्रामीणों से छुड़ाकर अपने कब्जे में ले लिया।
पुलिस ने दर्ज किया मामला, दो आरोपी हिरासत में
पुलिस ने इस मामले में अंकुर और जितेंद्र नाम के दो आरोपियों के खिलाफ केस दर्ज कर उन्हें हिरासत में ले लिया है। हालांकि, ग्रामीणों का आरोप है कि पुलिस ने देर से कार्रवाई की और आरोपियों को बचाने की कोशिश की जा रही है।
समाज पर सवाल, कब थमेगी दरिंदगी?
यह घटना एक बार फिर समाज के नाकाम न्याय व्यवस्था पर सवाल खड़े करती है। एक दिव्यांग बच्ची तक को नहीं बख्शा गया, तो फिर किसका भरोसा करें पीड़ित? गांव वालों का गुस्सा जायज है, लेकिन सवाल यह है कि क्या सिर्फ पुलिस और कानून पर भरोसा करके ऐसे जघन्य अपराध रोके जा सकते हैं?
अब देखना यह है कि पुलिस इस मामले में कितनी गंभीरता दिखाती है और क्या आरोपियों को सख्त सजा मिल पाएगी? वरना, एक और पीड़िता को न्याय के लिए लंबा इंतजार करना पड़ेगा।