हर साल आश्विन माह की पूर्णिमा तिथि पर मनाया जाने वाला शरद पूर्णिमा का पर्व इस बार और भी खास होने वाला है। इस दिन चंद्रमा अपनी 16 कलाओं में पूर्ण रूप से दक्ष रहता है, जिससे अमृत की वर्षा होती है। शरद पूर्णिमा की रात, चांद की चाँदनी में खीर रखी जाती है, जिसे अगले दिन सुबह ग्रहण करने से जीवन में सुख, समृद्धि और सेहत में सुधार होता है। इसे अमृत के समान माना जाता है और इसका सेवन करने से भाग्य में वृद्धि होती है।
शरद पूर्णिमा का मुहूर्त
इस साल शरद पूर्णिमा का पर्व 6 अक्टूबर 2025 को मनाया जाएगा। हिंदू पंचांग के अनुसार, शरद पूर्णिमा 6 अक्टूबर को दोपहर 12 बजकर 23 मिनट से शुरू होकर 7 अक्टूबर को सुबह 9 बजकर 16 मिनट तक रहेगा।
शुभ मुहूर्त
इस खास दिन पर उन्नति मुहूर्त और वृद्धि योग का संयोग भी बन रहा है, जो इस दिन को और भी शुभ बना रहा है। साथ ही भाद्रपद नक्षत्र का भी शुभ संयोग है, जो वर्षों बाद इस दिन पर आ रहा है। इस शुभ मुहूर्त में विशेष रूप से चौघड़िया मुहूर्त में खीर का सेवन करना बेहद फलदायी माना जाता है।
खीर बनाने का सही मुहूर्त
शरद पूर्णिमा की रात, खीर रखने के लिए शुभ मुहूर्त 6 अक्टूबर को रात 10 बजकर 37 मिनट से लेकर रात 12 बजकर 09 मिनट तक रहेगा। इस समय, चांद की चाँदनी में रखी खीर का सेवन करना अत्यधिक शुभ होता है।
शरद पूर्णिमा पर खीर बनाने की विधि
सामग्री
- चावल
- दूध
- चीनी
- हरी इलायची पाउडर
- ड्राई फ्रूट्स
विधि
- सबसे पहले दूध को उबालने के लिए रखें और उसमें चावल डालें।
- चावल को धीमी आंच पर पकने दें। जब चावल पक जाएं, तो इसमें ड्राई फ्रूट्स, इलायची पाउडर और चीनी डालकर अच्छे से पकाएं।
- आपकी खीर तैयार है। अब इसे चांद की रोशनी में रात के समय रखें और अगले दिन सुबह इसका सेवन करें।