वेतन न मिलने से कर्मचारियों में हाहाकार

उत्तर प्रदेश जल निगम संघर्ष समिति के बैनर तले कर्मचारियों और पेंशनरों ने एकजुट होकर राज्य सरकार और प्रशासन के खिलाफ जोरदार प्रदर्शन किया। संयोजक ई. वाई.एन. उपाध्याय ने सभा में कहा कि पिछले 6 माह का वेतन और पेंशन सातवें माह में भी नहीं मिला, जिससे हजारों परिवार आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं।

महंगाई भत्ते में भी कटौती, कर्मचारियों में असंतोष

सभा में यह भी बताया गया कि सरकार द्वारा 252% की जगह केवल 212% महंगाई भत्ता दिया जा रहा है, जिससे कर्मचारियों और पेंशनरों की आर्थिक हालत और बिगड़ गई है।

जल निगम के विभाजन ने बिगाड़ा हालात

डिप्लोमा इंजीनियर्स पेंशनर्स वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष एस.पी. मिश्रा ने कहा कि जल निगम को नगरीय और ग्रामीण दो भागों में बांटने के बाद स्थिति में सुधार के बजाय और गिरावट आई है। कभी जहां 26,000 कर्मचारी थे, अब सिर्फ 5,060 कर्मचारी बचे हैं, और उनके वेतन के भी लाले पड़े हुए हैं।

अनुकंपा नियुक्तियाँ और चिकित्सा सुविधा भी ठप

पेंशनर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष राम आधार पांडेय ने नाराज़गी जताते हुए कहा कि 2021 से अनुकंपा नियुक्तियाँ अघोषित रूप से बंद कर दी गई हैं, और चिकित्सा नियमावली भी आज तक लागू नहीं की गई है। कर्मचारियों को उनके हाल पर छोड़ दिया गया है।

प्रशासन को चेतावनी, 24 जून को सामूहिक अनशन

सभा को संबोधित करते हुए डिप्लोमा इंजीनियर्स संगठन (नगरीय) के अध्यक्ष विनय कुमार यादव, महासंघ के महामंत्री आकाश श्रीवास्तव, वाहन चालक संघ के अध्यक्ष जयप्रकाश त्रिपाठी, और अन्य नेताओं ने जल निगम प्रशासन को चेतावनी दी कि यदि वेतन और पेंशन का तत्काल भुगतान नहीं हुआ, तो 24 जून 2025 को लखनऊ सहित सभी मुख्य अभियंता कार्यालयों पर सामूहिक अनशन किया जाएगा।

11 से 23 जून तक जनप्रतिनिधियों को घेरा जाएगा

सभा में यह भी ऐलान किया गया कि 11 जून से 23 जून तक “जल निगम बचाओ अभियान” चलाया जाएगा, जिसमें प्रदेश भर के जनप्रतिनिधियों से मिलकर इस मुद्दे को उठाया जाएगा।

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